नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में “पीएम पावर” किताब का हुआ लोकार्पण, प्रधानमंत्री की ताकत पर प्रकाश डालती है यह किताब

नई दिल्ली: भारत मंडपम में चल रहे 2025 के विश्व पुस्तक मेले में सोमवार को वरिष्ठ पत्रकार अमित कुमार और ऋतु श्रीवास्तव द्वारा लिखित किताब “पीएम पावर” का लोकार्पण हुआ। यह किताब प्रधानमंत्री के निर्णयों और उनके द्वारा किए गए कार्यों को लेकर उनके प्रभावशाली नेतृत्व को विस्तार से समझाती है। लोकार्पण समारोह डायमंड बुक के स्टाल पर हुआ, जिसमें कई प्रमुख लेखक, पत्रकार और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
इस मौके पर डायमंड बुक के निदेशक एनके वर्मा, वरिष्ठ लेखक अवधेश श्रीवास्तव, पत्रकार संदीप शर्मा, फार्मस विजन के निदेशक सुनील सिंह, हरीदास महाराज पीठाधीर पाल बाबा, डॉ. आरपी सिंह और फिल्मकार दिनेश सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित थे। इस पुस्तक का प्रकाशन डायमंड बुक ने किया है।
किताब का विषय और उद्देश्य
इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों को खास तौर पर उजागर किया गया है। नरेन्द्र वर्मा ने बताया कि किताब में यह दिखाया गया है कि कैसे प्रधानमंत्री अपने पावर का इस्तेमाल करके देश की तक़दीर को बदल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह किताब पाठकों को भारत के विभिन्न प्रधानमंत्रियों के उन निर्णयों से अवगत कराती है, जिनके बारे में आमतौर पर बहुत कम लोग जानते हैं।
लेखक अमित कुमार ने कहा कि यह किताब देश की राजनीति में रुचि रखने वाले पाठकों को बहुत पसंद आएगी। विशेष रूप से, प्रधानमंत्री मोदी की महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं जैसे “लखपति दीदी” और “ड्रोन दीदी” का विवरण दिया गया है, जो देश के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। सह-लेखिका ऋतु श्रीवास्तव ने इस किताब में अयोध्या के राम मंदिर के समाधान से संबंधित एक ऐतिहासिक घटनाक्रम का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह के कार्यकाल में इस मामले का समाधान हो गया था, लेकिन उनकी सहयोगी पार्टी के समर्थन वापस लेने से यह मामला ठंडा पड़ गया।
किताब की भविष्यवाणी और पाठकों का उत्साह
पुस्तक के लोकार्पण के बाद पाठकों ने इसे बड़ी संख्या में खरीदा, और उनकी समीक्षाओं के आधार पर प्रकाशक ने संकेत दिया कि जल्द ही इसका अंग्रेजी संस्करण भी जारी किया जाएगा। पाल बाबा ने लोगों से इस प्रकार की किताबें पढ़ने की अपील की, जो न केवल ज्ञानवर्धक हों, बल्कि देश के इतिहास और वर्तमान राजनीति को बेहतर ढंग से समझने में मदद करें।
इस किताब का लोकार्पण एक ऐतिहासिक अवसर था, जो यह साबित करता है कि “पीएम पावर” न केवल एक राजनीतिक किताब है, बल्कि एक प्रेरणादायक दस्तावेज है जो प्रधानमंत्री के प्रभावी निर्णयों को समझने और उनका मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान करता है।