ई-साइकिल एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की खबर पर कंपनी का जवाब : बोले- हमारे खिलाफ भ्रांतिया फैलाई जा रही है…
Noida News : नोएडा को प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से दो साल पहले ई-साइकिल की व्यवस्था की गई,लेकिन कई खूबियों और खामियों की वजह से ये सुर्खियों में रही। ई-साइकिल एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की खबर कई सामने आई। हालांकि ई-साइकिल एजेंसी टर्बन मोबिलिटी पर मापदंड को पूरा न कर पाने का आरोप कई बार लगता रहा है। नोएडा अथॉरिटी द्वारा समय -समय पर खामियों को लेकर कंपनी को नोटिस भेजा जा चुका है। जिसके बाद ये खबर भी सामने आई कि प्राधिकरण द्वारा कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी की जा रही है। इस पूरे मामले पर फेडरल भारत ने टर्बन मोबिलिटी के डायरेक्टर चंद्र मोहन बाली से बात की।
टर्बन मोबिलिटी के डायरेक्टर का बयान
प्राधिकरण द्वारा कंपनी पर लगाए जा रहे आरोपों के लेकर जब फेडरल भारत ने कंपनी के डायरेक्टर चंद्र मोहन बाली से बात की तो उन्होंने सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा, कि कंपनी को बदनाम करने के लिए ये सब भ्रांतिया फैलाई जा रही है। हमें जब-जब नोटिस मिला हमने उसके मुताबिक काम में सुधार किए और प्राधिकरण के नोटिस का भी जवाब दिया गया।
लोगों की तरफ से जो भी डिमांड थी, हमने उसके लिए काम किया। मोबाइल ऐप का काम भी पूरा किया है। काम दो फेज में होना है। फेज -1 के सभी स्टेशन ऑपरेशनल है। फेज-2 में काम चल रहा है। डायरेक्टर ने कहा कि काम अगर नहीं हो रहा है, साइकिल नहीं चल रही है, तो ये हमारे लिए नुकसानदेह है। इससे हमारे रेवेन्यू का नुकसान है।
जहां तक बात मोबाइल ऐप की है, तो साल 2022 में ही नोएडा स्थापना दिवस पर जिले के तमाम सांसद , विधायक और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिती में ऐप को लॉन्च किया जा चुका है। साइकिल चल रही है, साफ-सफाई का काम हर रोज होता है। हमारी टीम है जो लगातार काम रही है। मोबाइल ऐप के सर्वर पर भी काम चल रहा है।
दो चरण में होना था काम
बता दे से लगभग दो साल पहले ये काम टर्बन मोबिलिटी को सौंपा गया था। दो चरण में काम होना था। पहला चरण साल 2022 के सितंबर में हुआ, काम ठीक होने की वजह से वापस टर्बन मोबिलिटी को ही टेंडर दिया गया। लेकिन साल 2023 के जुलाई में शुरू हुए दूसरे चरण में कंपनी प्राधिकरण के मापदंडों को पूरा नहीं कर पा रही है।
एमओयू में क्या थे मापदंड
नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बार -बार आरोप लगते रहे है कि कंपनी एमओयू के मुताबिक काम को पूरा नहीं कर पाई। एमओयू में प्राधिकरण ने कई काम दिए थे जो कि पूरा नहीं हो सका। इसमें एक स्टेशन पर 10 ई साइकिल रखना, चार्जिंग पॉइंट्स लगाना , बिजली कनेक्शन लगाना एक मोबाइल ऐप डेवलप करने सेंट्रलाइज्ड सिस्टम तैयार करना और रखरखाव का ध्यान रखना शामिल था। लेकिन कंपनी इस कामों को ढंग से पूरा नहीं कर सकी जिसकी वजह से अब ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी की जा रही है।
टर्बन मोबिलिटी के डायरेक्टर का बयान
प्राधिकरण द्वारा कंपनी पर लगाए जा रहे आरोपों के लेकर जब फेडरल भारत ने कंपनी के डायरेक्टर चंद्र मोहन बाली से बात की तो उन्होंने सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा, कि कंपनी को बदनाम करने के लिए ये सब भ्रांतिया फैलाई जा रही है। हमें जब-जब नोटिस मिला हमने उसके मुताबिक काम में सुधार किए और प्राधिकरण के नोटिस का भी जवाब दिया गया।