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अशुभ साबित हुआ पर्वः बच्ची के लिए कालदूत साबित हुए लड़ते दो सांड़

पिता के साथ भाई को राखी बांधने जा रही बच्ची आई लड़ते सांड़ों की चपेट में, जान चली गई  

नोएड़ा। नोएडा के थाना 49 कोतवाली क्षेत्र के बरोल सलारपुर कॉलोनी में अपने पिता संतोष के साथ चचेर भाई को राखी बांधने जा रही बच्ची जैकलिन के लिए राखी का त्योहार शुभ साबित नहीं हुआ। इसी दिन वह सड़क पर लड़ते दो सांड़ों की चपेट में आ गई। सांड़ों ने उसे पटक-पटककर बुरी तरह से घायल कर दिया। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौतहो गई। इस मौके का बेबस पिता का विडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

 

क्या है मामला

राखी के त्योहार पर सालारपुर की निवासी मासूम बच्ची अपने पिता के साथ पास में ही रह रहे अपने भाई को राखी बांधने के लिए जा रही थी। अभी वह रास्ते में ही थी कि स़ड़क दो सांड़ आपस में लडने लगे। इन सांड़ों की चपेट में बच्ची आ गई। दोनों सांड़ों ने बच्ची को बुरी तरह से घायल कर दिया। बच्ची को किसी तरह से लोगों ने सांड़ों के चंगुल से छुड़ाया और उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां बच्ची को कई टांके लगे। डाक्टरों ने वहां बच्ची का इलाज किया लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। बाद में बुरी तरह से घायल बच्ची ने दम तोड़ दिया। इस हादसे और बच्ची की मौत के बाद उसका पूरा परिवार सदमे में है। यह परिवार मेहनत मजदूरी कर अपनी आजिविका चलाता है।

लोगों के लिए सिरदर्द बने छुट्टा जानवर

नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत पूरे जिले में छुट्टा जानवर लोगों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। आए दिन ऐसे जानवर लोगों को काटकर, पटककर बुरी तरह से घायल देते हैं। बाद में पीड़ित को जो परेशानी और आर्थिक चोट लगती है उसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। उनकी परेशानी में इजाफा और उस समय हो जाता है जब कोई एनिमल लवर (पशु प्रेमी) इन छुट्टा जानवरों के समर्थन में खड़ा हो जाता है। ऐसे लोग छुट्टा और आवारा जानवरों के खिलाफ विकास प्राधिकरणों की कार्रवाई के विरोध में उठ खड़े होते हैं। वे जानवरों के खिलाफ कार्रवाई करने ही नहीं देते। ऐसे पशु प्रेमियों को उन पीड़ितों या उनके गमगीन परिवार से कोई मतलब नहीं होता जो ऐसे जानवरों की चपेट में आकर बुरी तरह से या तो घायल हो चुके हैं या दम तोड़ चुके होते हैं। ऐसा मामला एक सोसायटी में भ हो चुका है जहां एक महिला अधिकारी आवारा कुत्तों की चपेट में आकर बुरी तरह से घायल हो गई थी। दरअसल, कई कुत्तों ने मिलकर उस महिला अधिकारी पर हमलाकर बुरी तरह से घायल कर दिया था। उस महिला अधिकारी को समय से इलाज मिल जाने पर जान तो बच गई लेकिन अभी तक वह पीड़ा भोग रही है। नोएडा विकास प्राधिकरण ने जब कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहा तो कुछ डॉग लवर्स इसके विरोध में खड़े हो गए। विकास प्राधिकरण की टीम को वापस जाना पड़ा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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