छह साल से लखनऊ में लटकी है नोएडा की आवासीय भूमि को फ्री होल्ड कराने की फाइल, बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होने का नहीं रहा कोई महत्व
नोएडा : नोएडा की आवासीय भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड कराने का मामला ठन्डे बस्ते में पड़ गया है। फ्री होल्ड भूमि को लेकर बोर्ड बैठक में पांच साल पहले प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन ये प्रस्ताव छह साल बाद भी फाइल के रूप में कैद है।
नोएडा विकास प्राधिकरण में बोर्ड बैठक का नहीं रह कोई महत्त्व
नोएडा प्राधिकरण द्वारा 195 वीं बोर्ड बैठक एक नवम्बर 2018 को हुई थी। इस बोर्ड बैठक में नोएडा की भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड कराने का प्रस्ताव पारित हुआ था और अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था जिसमें मुख्य विधि सलहाकार, वित्त नियंत्रक, विशेष कार्याधिकारी, उप महाप्रबंधक नियोजन व मैसर्स ई एण्ड वाई कम्पनी का प्रतिनिधि सदस्य के रूप में नामित हुऐ थे।
समिति ने दी थी ये रिपोर्ट
समिति के द्वारा फ्री होल्ड किये जाने पर प्राधिकरण को होने वाली सम्भावित लाभ तथा सम्भावित हानि तथा हानि की क्षति पूर्ति के लिए उठाये जाने वाले कदम पर चर्चा की गई और लीज होल्ड को फ्री होल्ड किये जाने की संस्तुति दी गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था की पिछले तीन वित्तीय वर्षो में प्राप्त आय के अनुसार आवासीय भूखण्डों की परिसम्पत्तियों से प्राधिकरण की औसत 81.58 करोड़ रही है। प्राधिकरण की आवासीय भूखण्ड की परिसम्पत्तियों को लीज़-होल्ड से फ्री होल्ड किये जाने पर प्राधिकरण के वर्तमान आय के स्रोत का विवरण भी दिया गया था।
अब आरटीआई के माध्यम से मांगी जानकारी
अब आरटीआई के माध्यम से नोएडा की भूमि को फ्री होल्ड करने पर जानकारी मांगी गयी है। कोनरवा अध्यक्ष पी एस जैन ने बताया की आरटीआई डाली गयी है। छह साल से नोएडा की भूमि को फ्री होल्ड कराने की फाइल लखनऊ में अटकी हुई है। अभी किस स्तर पर कार्रवाई हुई। उसकी जानकारी मांगी गयी है।