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नोएडा से अमेरिका तक फैला था ठगी का रैकेट, कॉल सेंटर के माध्यम से वायरस भेजकर कंप्यूटर हैक करके करते थे वसूली

नोएडा (फेडरल भारत न्यूज) : अमेरिकी नागरिकों से ठगी कर रहे दो कॉल सेंटरों का सेक्टर 63 थाने की पुलिस ने खुलासा किया है। दोनों क़ॉल सेंटर सागर नामक का एक ही व्यक्ति चला रहा था। पुलिस ने इस मामले में 9 महिलाओं सहित 43 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें अधिकांश कॉल सेंटरे के इम्पलाइज हैं। कॉल सेंटर से 66 लैपटॉप, 13 मोबाइल, हेडफोन, माउस व फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। यह लोग ईमेल ब्लास्टिंग कराते थे। अर्थात लाखों ईमेल पर एक बग भेजते थे।
अमेरिकी थे निशाने पर
अवस्थी डीसीपी सेंट्रल नोएडा, शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बग ईमेल पर क्लिक करते ही कंप्यूटर और लैपटाप पर खराबी आनी शुरू हो जाती थी। इस समस्या से निपटने के लिए एक लिंक दिया जाता है। इसी बहाने यह सैकड़ों अमेरिकियों को अपना शिकार बनाते थे। सेक्टर 63 में चल रहे दो कॉल सेंटरों में ठगी का यह गोरखधंधा संचालित हो रहा था। दोनों कॉल सेंटरों को सागर नाम का व्यक्ति संचालित करता है। यह अपने को माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड साइबर एक्सपर्ट बताते हैं और लाखों रुपये ठगते हैं।
कैसे करते हैं अमेरिकियों से ठगी
डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी बिटकॉइन, क्रिप्टो करेंसी व गिफ्ट कार्ड के रूप में पैसा वसूलते हैं और वसूली के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर यूज करते हैं। दरअसल, यह लोग पॉप अप मैसेज भेजकर कंप्यूटर व लैपटाप में गड़बड़ी करते हैं। यह लोग एक लिंक भेजते हैं, जिसे पर क्लिक करते ही सिस्टम पर एक पॉप अप मैसेज आता है। कस्टमर इस पॉपअप मैसेज के लिंक के माध्यम से कॉल करते हैं। फिर आइवीआर कॉलिंग के माध्यम से यह लोग कस्टमर से जुड़ जाते हैं। सिस्टम को एक्सिस करने के लिएसभी लैपटॉप में एक्सलाइट अथवा वीसी डायल साफ्टवेयर है।
जेल भेजने का दिखाया जाता है डर
कॉल सेंटर संचालक सागर ने बताया कि कंप्यूटर में मौजूद आईवीम सॉफ्टवेयर तथा एक्सलाइट डायलर के माध्यम से कॉल मिलती है। विदेशी नागरिकों की कॉल सेंटर के मालिक द्वारा ही लैंड कराई जाती है। इसके बाद अमेरिकी नागरिके को सोशल सिक्योरिटी नंबर से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में लिप्ट होने का भय दिखाया जाता है। जेल तक की धमकी दी जाती है। इसी का डर दिखाकर नागरिकों से गिफ्ट कार्ड अथवा क्रिप्टो कैरेंसी के माध्यम से रकम हासिल की जाती है।
पकड़े गए अधिकांश युवा नार्थ ईस्ट के
कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने के मामले में गिरफ्तार अधिकांश युवाओं में नार्थ ईस्ट के हैं। इनकी बातचीत की शैली और अमेरिकन इंगलिश पर जबरदस्त कमांड होती है। इनके इसी अंदाज की वजह से कॉल सेंटर में इनका मोटी सैलरी पर चयन किया जाता है। कॉल सेंटरों में हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। यह युवा बेहद ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें प्रीति, निशा वर्मा, काजल, नाहिद कमाल, नीलम, वोययनू, नीलम पुत्री किशोरीलाल, होयजललिंग, सोनाली, आजम सैय्यद, तंगजैंग, अरुण राय, कुजौनेजो, उद्धोंग, गंवूहम सैम्प, खुप्लू झौ, सावेनी, केहिम ग्रेसन, बेल खुदाया, वरूणस कार्तिंक, हर्ष कुमार, रमन कुमार आदि नाम हैं।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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