ग्रेटर नोएडा का नरक : सूरजपुर साइट सी ग्रुप हाउसिंग एक्सटेंशन-2, प्रदूषित हवा में सांस लेना भी दूभर, पॉल्युशन का हॉटस्पाट घोषित हो
ग्रेटर नोएडा (मुकेश पंडित) : सूरजपुर साइट सी ग्रुप हाउसिंग एक्सटेंशन-2 और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के हजारों लोग जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं और बेहद दमघोंटू व विषाक्त हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं। इससे क्षेत्र में लोग तेजी से श्वांस संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। हैरानी है कि वरिष्ठ अधिकारियों के क्षेत्र का दौरा करने व शिकायतों के बावजूद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड खामोशी साधे हुए हैं और उसे प्रदूषण का हॉटस्पाट घोषित नहीं किया जा सका है।
प्रदूषण के हॉट स्पाट में नहीं शामिल यह एरिया
उल्लेखनीय है कि जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के अंतर्गत सूरजपुर साइट सी ग्रुप हाउसिंग एक्सटेंशन 2, ग्रेटर नोएडा एरिया को पॉल्युशन के हॉटस्पॉट एरिया में शामिल नहीं किया है। इसका दुष्प्रभाव यह पड़ रहा कि प्रदूषण नियंत्रण पर कोई रोकथाम नहीं हो रही है। इस एरिया में रेलवे के उपक्रम डीएफसीसीआईएल द्वारा सिविल वर्क किया जा रहा है। साथ ही इंडस्ट्रियल एरिया बगल में होने के कारण भारी वाहनों के परिचालन से सड़क पर धूल का गुबार छायारहताहै। साथ ही साइट बी और सी की इंडस्ट्रीज के कारण पूरे साल प्रदूषण की बेहद गंभीर स्थित बनी रहती है।
धूल और गड्ढे बने नियति
ग्रेटर नोएडा की शिवालिक होम्स सोसाइटी के रेजिडेंट हिमांशु शेखर का कहना है कि सूरजपुर साइट सी ग्रुप हाउसिंग एक्सटेंशन-II, ग्रेटर नोएडा के आसपास के उद्योगों से उत्पन्न प्रदूषण एवं गड्ढों वाली सड़कें देख कर कल्पना की जा सकती है कि इस क्षेत्र के निवासी भयंकर वायु प्रदूषण वाली स्थिति में रहने को मजबूर हैं। बार-बार और विभिन्न स्तरों पर शिकायतें किए जाने के बाद भी लोगों को इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।
शिकायतों पर भी चारों ओर सन्नाटा
सोसाइटी के रेजिडेंट हिमांशु शेखर के अनुसार, गंभीर और जानलेवा प्रदूषण के नियंत्रण के लिए यहां के निवासियों ने सीपीसीबी, यूपीपीसीबी,
प्रशासन, DFCCIL, ग्रेटर नोएडा एवं यूपीसीडा को सोशल मीडिया साइट्स एक्स, व्हाट्सएप, समीर ऐप एवं ईमेल के जरिए अनेक बार शिकायतें की हैं, फिर भी इस एरिया की सुध लेने वाला कोई नहीं। मानों लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। प्रशासन का यह उपेक्षापूर्ण रवैया बताता है कि अफसरों ने यहां के रेजिटेंड्स को शायद इंसान मानना ही छोड़ दिया है।
अपर मुख्यसचिव पर्यावरण भी कर चुके दौरा
बताया गया कि पिछले वर्ष 5 नवंबर2023 को उप्र के अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, मनोज सिंह, गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, एवं अन्य अधिकारियों ने इस क्षेत्र का दौरा किया था। उस दौरान यहां के निवासियों ने उन्हें भयंकर वायु प्रदूषण की समस्या से अवगत कराया था, इसके बावजूद प्रदूषण की समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
पॉल्युशन का हॉटस्पाट घोषित किया जाए
गंभीर रूप से प्रदूषित इस क्षेत्र को गौतमबुद्ध नगर जिले पॉल्युशन के हॉटस्पॉट की लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर इस एरिया को किन कारणों से हॉटस्पाट की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। स्थानीय लोगों ने इस पर प्रशासन और जिला प्रदूषण बोर्ड से सफाई मांगी है। क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त कराना जिला प्रशासन और यूपीसीडा की प्राथमिकता में होना चाहिए।