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उत्तर प्रदेशलखनऊ

पुलिस का फिर अमानवीय चेहरा सामने आया

थाने फरियाद लेकर गई वृद्धा को भगाया, फिर कड़ी धूप में बैठने को मजबूर किया

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जहां पुलिस को जनता के प्रति मित्रवत और नरम व्यवहार करने की अपील करते नहीं थकते। यहां तक कि नरम व्यवहार नहीं करने पर कार्यवाही की चेतावनी देते हैं वहीं उत्तर प्रदेश की पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। किसी न किसी जिले से पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आ ही जाता है।

ताजा मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गाजीपुर थाने की पुलिस का अमानवीय और निंदनीय चेहरा सामने आया है।

हुआ यूं कि एक वृद्ध महिला अपनी फरियाद लेकर थाने गई थी। वहां पुलिस उसकी सुनवाई करने के बजाय उसे थाने से बाहर कर दिया। पुलिस ने जब उसकी सुनवाई नहीं की तो बुजुर्ग महिला अपने वकील की सहायता लेकर न्याय के लिए पुलिस थाने गई। इस भीषण गरमी में बुजुर्ग महिला ने थाना परिसर में छांव में बैठना चाहा तो वहां मौजूद पुलिस वाले ने छांव से भगाकर उसे धूप में बैठने के लिए बाहर भगा दिया। जब लखनऊ में भी तापमान का पारा 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है। पूरे प्रदेश भर में भीषण लू चल रही है। छांव भी बैठे लोगों को लू लग जा रही है। ऐसे में उस बुजुर्ग महिला ने कैसे कड़ी धूप को सहन किया होगा, यह तो भुक्तभोगी ही बता सकता है।

थाने से आने के बाद बुजुर्ग महिला ने पुलिसकर्मियों की करतूत और अपने साथ हुई अभद्रता की दास्तां सुनाई और यह बताते हुए वह रो पड़ी।

बुजुर्ग महिला का नाम विनय कुमारी है जो मूलरूप से बहराइच की रहने वाली है। वह यहां गाजीपुर के सेक्टर -25 में किराए का कमरा लेकर करा रही है। वह यहां अपने पति का इलाज करा रही है।

उसका आरोप है कि आरोप है कि बहू ने पहले उसे घर स निकाल दिया घर से बाहर निकाल दिया। वह मकान बेचने का दबाव बनाती थी और मकान न बेचने पर बहराइच से लखनऊ आकर की थी पिटाई की थी। उसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। उसका बेटा बाहर रहता है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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