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उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरलखनऊ

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को सता रही है सुरक्षा की चिंता

सिविल जज दिवाकर बोले- साधारण मामले को बना दिया गया असाधारण

वाराणसी। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में फैसला देने वाले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को अब अपने सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। रवि कुमार दिवाकर के आदेश के बाद जल्दी ही अव ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का कार्य शुरू होगा। उनके फैसलेे से मस्जिद में कोर्ट कमिश्नर प्रवेश कर सकेंगे।

बृहस्पतिवार को इस मामले में फैसला सुनाने वाले जज दिवाकर ने अपनी सुरक्षा के प्रति चिंता जताई है।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में उन्होंने बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया था। आज शुक्रवार को उन्होंने ने कहा कि मेरा परिवार अब मेरी सुरक्षा को लेकर खासा चितिंत है। इस मामले में डर का माहौल बनाया जा रहा है और वह अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। दिवाकर ने कहा, इस दीवानी मामले को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल पैदा कर दिया गया है। डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है, और मैं उनकी (परिवार की) सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता हूं। जब भी मैं घर से बाहर रहता हूं तो बार-बार मेरी पत्नी को मेरी सुरक्षा की चिंता रहती है।

उन्होंने कहा कि कल,  मेरी मां (लखनऊ में) से जब मेरी बातचीत हुई तो वे भी मेरी सुरक्षा के बारे में चिंतित दिखीं।

मीडिया से मिली खबरों से उन्हें पता चला कि शायद मैं भी कमिश्नर के रूप में मौके पर जा रहा हूं। और मेरी मां ने मुझसे कहा कि मुझे मौके पर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

गौरतलब है कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार की अदालत ने ही बृहस्पतिवार को मस्जिद के सर्वे का फैसला दिया था और मुस्लिम पक्षकारों की कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग को खारिज कर दिया था। इससे मुस्लिम पक्षकारों को तगड़ा झटका लगा था।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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