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उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगर

काफी कारगर साबित हुई ‘‘खेत तालाब योजना‘‘

भूगर्भ जल स्तर में बढ़ोत्तरी के साथ ही  सिंचाई के लिए उपयोगी साबित हुई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के किसानों की भलाई और उनकी आर्थिक हालत को सुधारने के लिए कई प्रकार की सुविधाएं दे रही है। इनमें खेतों की सिंचाई, खेतों में  बुआई, बुआई के लिए बीज, खाद,  कृषि उपकरण आदि शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को परम्परागत ढंग से सिंचाई के लिए ’’खेत तालाब योजना’’ लागू की है। यह योजना किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत हर वह किसान जो अपने खेतों के आसपास, बीच में तालाब बनाएंगें, उन्हें राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी दी देने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश सरकार की इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य यह है कि बारिश का पानी जमा करा कर किसानों की खेती में सिंचाई की मात्रा को बढ़ावा देना है। इससे किसानों को दोनों ओर से लाभ होगा। किसान खेत में फसल की सिंचाई के साथ ही मछली पालन भी कर सकते हैं। सरकार की खेत तालाब योजना से भूगर्भ जल में बढ़ोत्तरी भी हो रही है और किसानों की फसल में अच्छा उत्पादन भी हो रहा है।

इस योजना के माध्यम से प्रत्येक किसान जो अपने खेत के सामने या बीच में, जहां बारिश का पानी ज्यादा इकट्ठा होता है अगर वहां किसान तालाब बनाते हैं, तो किसानो को इस योजना के तहत 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का प्राविधान किया गया है। इस तालाब को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि बरसात के मौसम में दो चार दिन तक लगातार बारिश के समय जो बरसाती पानी फसलों को बर्बाद कर देता है, उसे तालाब बना कर इकट्ठा कराया जाए, इससे किसानों की फसल सुरक्षित रहेगी और इकट्ठे पानी से किसानों को सिंचाई के लिए ट्यूबवेल का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करना पड़ेगा। साथ ही जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए मोटर सुविधाएं जो बिजली से चलती हो और वहां लाइट की सुविधा न पहुंच पा रही हो उस स्थिति में किसानों की खेती में सिंचाई के लिए पानी की सुविधा देने के लिए तालाब बनवाएं जाएं। ताकि किसानों को खेती में सिंचाई करने में किसी भी प्रकार की समस्या न उठानी पड़े। तालाबों में किसान बरसात एवं अन्य स्थानों से आने वाले पानी को एकत्र कर सकेंगे और अपनी फसलों को ठीक से सिंचित कर सकेंगे।

खेत तालाब योजनान्तर्गत खेत में प्लास्टिक लाइनिंग पौंड-साइज 20x20x3 मीटर (फैब्रिक एरिया 635 वर्ग मीटर), प्लास्टिक लाइनिंग पौंड-साइज 32x32x3 मीटर (फैब्रिक एरिया 1426 वर्ग मीटर), प्लास्टिक लाइनिंग पौंड-साइज 45x45x3 मीटर (फैब्रिक एरिया 2642 वर्ग मीटर) आकार के तालाब खुदवाने का प्राविधान है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत उत्तर प्रदेश खेत तालाब योजना में अनुदान राशि राज्य के सभी श्रेणी के कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रूपये 52,500 कच्चे फार्म तालाब पर और 75,000 रूपये की राशि-प्लास्टिक लाइनिंग कार्य के साथ 300  Micron Bis के लिए देय है। बुंदेलखण्ड को सूखे से बचाने में खेत-तालाब योजना से बहुत मदद मिली है। राज्य के अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ प्रदान कराया गया है। राज्य में पिछले आंकड़ों के हिसाब से बंुदेलखण्ड के चित्रकूट, बॉदा, हमीरपुर, जालौन, झांसी, महोबा, ललितपुर में हजारों किसानों के खेत में तालाब बनाए गए हैं। जिसमें किसान वर्षा का पानी एकत्रित कर अपनी फसल की सिंचाई करते हुए उत्पादन में बढोत्तरी कर रहे हैं।

इच्छुक लाभार्थी किसान राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई, इस योजना में लाभ लेना चाहते हैं, तो उन्हें योजना की ऑफिशियल वेबसाइट upagripardarshi.gov.in पर जाकर आवेदन करना होता है। खेत तालाब योजना के शुरू होने से वे सभी किसान जो पहले पानी की समस्या को लेकर और तालाब बनाने के लिए असमर्थ थे अब वह आसानी से योजना का लाभ उठा कर अपने खेतों में तालाब का निर्माण कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश खेत तालाब योजना भूगर्भ जल के स्तर में वृद्धि लाने में भी सहायक हो रहा है। उत्तर प्रदेश खेत तालाब योजना का लाभ लेने के लिए किसान को उत्तर प्रदेश राज्य का निवासी होना अनिवार्य है। इस योजना का लाभ प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक तथा लघु सीमान्त किसानों को भी मिलेगा। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना का लाभ परिवार में केवल एक ही किसान उठा सकता है। योजना में आवेदन वही किसान करेंगे जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो। इस योजना के अतंर्गत किसानों के पास बैंक खाता होना आवश्यक है और बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक भी होना चाहिए।

वर्तमान सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में सिंचन क्षमता बढ़ाने के लिए खेत तालाब योजना का विस्तार करते हुए वर्ष 2017-18 में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 2549 खेत तालाबों एवं प्रदेश के अन्य अतिदोहित एवं दोहित जिलों में 835 खेत तालाबों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया है। इस प्रकार वर्ष 2017-18 में प्रदेश में कुल 3384 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में कुल 5000 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया। योजनान्तर्गत निर्मित खेत-तालाबों पर स्पिं्रकलर सिंचाई प्रणाली की स्थापना हेतु लघु एवं सीमांत कृषकों को 90 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है। वर्ष 2019-20 में योजनान्तर्गत 5261 तालाबों का निर्माण कराया गया। वर्ष 2020-21 में 4427 तालाबों का निर्माण कराया गया। वर्ष 2021-22 में 10000 खेत तालाब निर्माण लक्ष्य के सापेक्ष माह मार्च, 2022 तक 5860 खेत-तालाबों का निर्माण किया गया। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मार्च, 2022 तक 27316 से अधिक खेत तालाबों का निर्माण कराया गया है, जिससे किसान अपनी हजारों एकड़ फसल की सिंचाई मत्स्य पालन करते हुए, खाद्यान्न उत्पादन कर आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का ध्येय है कि प्रदेश के किसान ’खेत तालाब योजना’ का लाभ उठाते हुए अपना विकास करें। प्रदेश सरकार ने आगामी वर्षों में एक लाख खेत तालाब बनवाने का लक्ष्य रखा है, जिसको साकार करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी लगातार किसानों से सम्पर्क करते हुए तालाब बनवा रहे हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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