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मंत्री को निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली, संबंधित अधिकारियों के पेंच कसे

कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान बैठक में ही मंत्री ने पुलिस अधिकारियों की ताऱीफ

नोएडा। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रविवार को गौतमबुद्ध नगर का व्यापक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। उन्होंने अपने दौरे के पहले चरण में स्वच्छता व्यवस्था, गौशालाओं का संचालन, अधिकारियों के साथ बैठक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण, गरीब कल्याण जनसभा में लिया भाग।

उन्होंने अपने दौरे के दौरान सुबह सात बजे स्वच्छता कार्यक्रम को लेकर नोएडा के ममूरा गांव का निरीक्षण किया, जहां पर उन्होंने सफाई मानकों के अनुरूप न पाए जाने पर असंतोष प्रकट किया। उन्होंने पाया कि मामूरा गांव में चार-पांच दिन से पुराना कूड़ा के ढेर लगे हुए हैं। नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इन्हें अवगत कराया कि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सफाई व्यवस्था मानकों के अनुरूप इस क्षेत्र में नहीं हो पाई है। उन्होंने मौके पर ही प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नोएडा उत्तर प्रदेश सरकार के लिए फेस के रूप में काम करता है। इसलिए संबंधित अधिकारी संवेदनशील होकर पूरे जिले में सफाई व्यवस्था को मानकों के अनुरूप सुनिश्चित कराएं। इसके बाद उन्होंने नोएडा के सेक्टर 139 में नंगला वाजिदपुर में जाकर गौशाला का निरीक्षण किया। यहां पर भी उन्होंने गोवंश को मानकों के अनुरूप 66 प्रतिशत हरा चारा उपलब्ध न कराने एवं गौशाला में आने वाले गोवंश के संबंध में पंजिका तैयार नहीं करने के संबंध में असंतोष प्रकट किया और संबंधित अधिकारियों को व्यवस्था सूचित करने की कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है। इसलिए सभी अधिकारी इसमें किसी स्तर पर लापरवाही नहीं बरतें और मानकों के अनुरूप गौशालाओं में गोवंश को पालन पोषण करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें।

इसके बाद वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डाढ़ा में पहुंचे। जहां पर उन्होंने निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान पाया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के शौचालय एवं बाथरूम में चार दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। दूसरी ओर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मानकों के अनुरूप दवाओं की उपलब्धता नहीं है। इस पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के प्रति कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर बहुत ही गंभीरता के साथ कार्यवाही सुनिश्चित कर रहे हैं और अधिकारी उनकी मंशा के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं। यह बहुत ही खेदजनक है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाकर लाएं और स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाएं।

यहां के बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट के सभागार में प्रशासन पुलिस एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विकास कार्यक्रम तथा कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बैठक की। विकास कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान उन्होंने जल जीवन मिशन, हर घर जल योजना, गौ आश्रय स्थल एवं निराश्रित गौवंश संरक्षण योजना, गेहूं खरीद, किसानों के लिए खाद बीज की उपलब्धता, एक जनपद एक उत्पाद, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, निशुल्क राशन वितरण कार्यक्रम, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना, कन्या सुमंगला योजना, घरौनी वितरण, दिव्यांगों को कृतिम उपकरण वितरण, रोजगार सृजन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, आयुष्मान कार्ड वितरण, सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता, कोविड-19 प्रबंधन, टीकाकरण, पंचायत भवन, स्ट्रीट वेंडर्स को पीएम स्वनिधि वितरण एवं पुनर्वास योजना, वृक्षारोपण, अभियान स्कूल चलो अभियान आदि कार्यक्रमों के बारे में निर्देश दिए कि सभी विभागीय अधिकारी विकास से जुड़े हुए एवं जनकल्याणकारी योजनाओं को पात्र लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से माइक्रो प्लान तैयार कर अपने कार्य को अंजाम दें। जिले का सर्वागीण विकास सुनिश्चित किया जा सके‌। साथ ही समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंच सके। उन्होंने समीक्षा के दौरान हर घर जल योजना के तहत तीन ग्रामों में जलापूर्ति करने की सूचना देने के संबंध में नाराजगी व्यक्त की‌। उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया कि वहां पर अभी मात्र प्रयास किया गया है। ग्रामीणों को जलापूर्ति नहीं की जा रही है। इस संबंध में उन्होंने तत्काल कार्यवाही करते हुए ग्रामीणों को इस कार्यक्रम का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के सर्वोच्च प्राथमिकता के कार्यक्रम गोवंश संरक्षण के तहत जो गौशालाएं जिले में संचालित की जा रही हैं सभी में मानकों के अनुरूप गोवंश को चारा उपलब्ध कराने की कार्यवाही के साथ ही उनका संचालन भी मानकों के अनुरूप सुनिश्चित हो।

उन्होंने विद्युत विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अनवरत रूप से शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के निर्देश दिए। उन्होंने पौधारोपण के सिलसिले में अधिकारियों से कहा कि वे अपने परिसर में सुरक्षित स्थानों पर अधिक से अधिक पौधारोपण करने करें और कराएं। इससे सभी लगाए गए वृक्ष सुरक्षित बने रहें। उन्होंने घरौनी वितरण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान पाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा वितरण सुनिश्चित किया गया है। परंतु प्राधिकरण द्वारा अधिगृहीत ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्य को आरंभ नहीं किया गया है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि घरोनियों का वितरण सुनिश्चित करें। विकास कार्यक्रमों की बैठक का संचालन जिला अधिकारी सुहास एलवाई ने किया। उन्होंने मंत्री को संचालित विकास कार्यक्रमों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मंत्री को आश्वस्त किया कि विकास कार्यक्रमों में गतिशीलता लाने के उद्देश्य से उनके द्वारा जो मार्ग निर्देश दिए गए हैं संबंधित अधिकारियों के माध्यम से उनका अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराकर विकास कार्यों एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों में और अधिक गतिशीलता लाने के साथ ही पात्र लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

विकास कार्यक्रम की समीक्षा के बाद उन्होंने कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने जिले की कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था को लेकर की जा रही कार्यवाही के बारे में विस्तार से मंत्री को जानकारी दी। मंत्री ने पाया कि जिले में कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद अपराधों में निरंतर स्तर पर कमी आई है इसके लिए उन्होंने पुलिस कमिश्नर एवं उनके सहयोगी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आगे भी पुलिस अधिकारी इसी क्षमता के साथ कार्यवाही सुनिश्चित कर नोएडा में अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था इसी प्रकार कार्यवाही सुनिश्चित करें ताकि जन सामान्य को कमिश्नर प्रणाली का भरपूर लाभ प्राप्त हो सके।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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