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आंदोलन पड़ा भारीः बिना अनुमति प्राधिकरण के सामने प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ जेई ने दर्ज कराई एफआईआर

सोमवार को किसान नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने किया था प्रदर्शन, महिलाएं भी थीं शामिल

नोएडा। भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में सोमवार को नोएडा विकास प्राधिकरण के सामने किसानों  को धरना देकर प्रदर्शन करना भारी पड़ गया। नोएडा विकास प्राधिकरण ने प्रदर्शन में शामिल किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस प्रवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को थाना फेस-1 क्षेत्र के अंतर्गत भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष नेता सुखबीर खलीफा ने अपने समर्थकों के साथ सेक्टर 6 स्थित नोएडा विकास प्राधिकरण प्रशासनिक कार्यालय के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया था। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन की अनुमति किसी ने किसी भी सक्षम अधिकारी ने नहीं ली थी।

जेई ने दी तहरीर

किसान नेता सुखवीर खलीफा और अन्य किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर नोएडा विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता (जेई) ने दी है। फेज-1 थाने में बिना अनुमति उग्र प्रदर्शन करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। एफआईआर में किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित 36 लोगों को नामजद किया गया है। इनके अलावा 100 अज्ञात पुरुष और 50 महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

क्या है मामला

सोमवार को भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में किसानों की 10 प्रतिशत आबादी के भूखंड, गांवों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों को नियमित करने, नोएडा के ग्रामीण क्षेत्रों में पैरिफेरल के अंदर अधिकृत आबादी में रहने वाले पुश्तैनी गैर पुश्तैनी आदि व्यक्तियों के विनियमन के लिए कब्जा दस्तावेज के आधार पर कार्रवाई करने, प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लागू स्वामित्व योजना की तर्ज पर प्राधिकार द्वारा परीक्षण किए जाने की कार्रवाई आदि और किसानों की अन्य समस्याओं के निराकरण की मांग के समर्थन में किसान फेस-एक थाना क्षेत्र के हरौला बरात घर के पास एकत्र हुए थे। वहां से वे सेक्टर 6 स्थित नोएडा विकास प्राधिकरण के कार्यालय गए और वहां पर धरना देकर प्रदर्शन किया था। इस मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात था। पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश भी की थी लेकिन वे विरोध कर प्राधिकरण कार्यालय पहुंच गए थे।

पहले भी दर्ज हो चुका है मुकदमा

यह पहला मौकै नहीं है जब सुखबीर खलीफा और उनके समर्थक किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके पहले भी बीते साल में बिना अनुमति के प्रदर्शन करने के खिलाफ नोएडा विकास प्राधिकरण की ही तहरीर पर बिना अनुमति उग्र प्रदर्शन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हो चुका है। यहां तक कि वे अन्य मामले में ग्रेटर नोएडा में किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रदर्शन करने के मामले में समर्थकों के साथ जेल भी जा चुके हैं। उनकी रिहाई की मांग को लेकर कई दिनों तक प्रदर्शन चला था जिसमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।

क्या कहते हैं थाना प्रभारी

थाना फेस-1 के प्रभारी ने कि किसानों के खिलाफ 307 सिविल एक्ट सहित विभिन्न 11 धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

क्या कहते हैं सुखबीर खलीफा

अपने और अन्य समर्थक किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते भारतीय किसान परिषद के नेता सुखबीर खलीफा का कहना है कि हम तो लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। हमारे ऊपर कितने भी मुकदमे दर्ज हो जाएं और हमें चाहे जेल भरनी पड़े हम किसी भी तरह से पीछे हटने वाले नहीं हैं। नोएडा विकास प्राधिकरण से हम अपना हक लेकर रहेंगे।

 

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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