महाकुंभ 2025 : अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू, 18-19 नवम्बर को होगा वितरण
Prayagraj News : सनातन परंपरा के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार की महाकुंभ यात्रा में अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन का काम शीघ्र शुरू हो जाएगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने 18 और 19 नवम्बर को अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने की योजना बनाई है। प्राधिकरण का कहना है कि पिछले कुंभ की तुलना में किसी भी अखाड़े को कम भूमि आवंटित नहीं की जाएगी।
भूमि आवंटन की प्रक्रिया को दिया जा रहा अंतिम रूप
महाकुंभ 2025 के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया के तहत प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और अन्य अखाड़ों के प्रतिनिधियों से मिलकर अलग-अलग वार्ताएं की हैं। इन वार्ताओं में भूमि आवंटन के लिए संतुलित और पारदर्शी प्रक्रिया पर जोर दिया गया है। अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत इस बार किसी भी अखाड़े को पिछले कुंभ से कम भूमि नहीं दी जाएगी। भूमि आवंटन का यह कार्य अखाड़ों की सहमति से जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
अन्य संस्थाओं को आवंटन होगा
अखाड़ों के भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अन्य धार्मिक संस्थाओं और संगठनों को भूमि आवंटन का काम शुरू होगा। परंपरा के अनुसार, चारों पीठों के शंकराचार्यों और दण्डी स्वामियों को भी उनके शिविर स्थापित करने के लिए भूमि दी जाएगी। मेला प्राधिकरण ने इस बार साधु-संतों के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने का भी वादा किया है। भूमि, पानी, बिजली कनेक्शन के साथ-साथ शौचालय, नाली और सफाई की व्यवस्था भी प्राधिकरण द्वारा की जाएगी।
साधु-संतों की जरूरतों को पूरा करेगा मेला प्राधिकरण
अपर मेला अधिकारी ने बताया कि मेला प्राधिकरण समय-समय पर साधु-संतों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। ताकि महाकुंभ के दौरान साधु-संन्यासियों और अखाड़ों को सनातन संस्कृति की परंपराओं का पालन करने में कोई असुविधा न हो। प्राधिकरण का यह प्रयास है कि इस महाकुंभ का आयोजन दिव्य और भव्य तरीके से हो, ताकि महाकुंभ नगरी का रूप और भी आकर्षक हो सके।
इस प्रकार, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर तैयारी पूरी कर ली है, और भूमि आवंटन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।