प्रदेश वासियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने सदन को किया संबोधित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि प्रदेश के 25 करोड़ लोगों की सुरक्षा हमारी पहली जिम्मेदारी है। अभी तक अपराधियों और माफियाओं की दो हजार करोड़ की संपत्तियां जब्त की गई हैं। वे बुधवार को विधानसभा सदन की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अपराध किसी भी प्रकार का हो, वह अक्षम्य है। विशेषकर महिला संबंधित अपराध के प्रति प्रदेश सरकार अत्यन्त संवेदनशील है। प्रदेश की जनता को सुरक्षा और सुविधा प्रदान करना राज्य सरकार का दायित्व है। सरकार की अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है। राज्य सरकार द्वारा बिना किसी भेदभाव के अपराध और अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। महिला सुरक्षा, प्रदेश के 25 करोड़ लोगों की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था के विषय सरकार की प्राथमिकता के बिन्दु हैं। राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इन सब विषयों पर कार्य करेगी।
दो हजार करोड़ रुपए अवैध सम्पत्ति जब्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही महिला अपराधों को रोकने के लिए ‘एंटी रोमियो स्क्वॉयड’ का गठन किया। इसी के साथ ही 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापित किया गया। विगत 5 वर्षों में लूट, हत्या, महिला संबंधित अपराध, डकैती सहित विभिन्न प्रकार की आपराधिक घटनाओं में भारी गिरावट आई है। अपराधियों और माफियाओं की दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त की गई है।
“सभी पर्व, त्योहार सौहार्दपूर्ण ढंग से मनाए गए”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था के दृष्टिगत चुनाव शान्तिपूर्वक सम्पन्न हुए। पांच वर्ष में कानून व्यवस्था के बेहतर माहौल ने राज्य सरकार को पुनः जनसमर्थन दिलाया। रामनवमी और हनुमान जयन्ती सहित सभी पर्व और त्योहार सौहार्दपूर्ण ढंग से मनाए गए। प्रदेश में पांच वर्षों में कोई भी दंगा नहीं हुआ।
“एक लाख से अधिक माइक उतारे जा चुके”
उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार प्रदेश में अलविदा की नमाज़ सड़कों पर नहीं हुई। शान्तिपूर्ण तरीके से पर्व और त्योहार मनाए गए। उन्होंने शान्ति और सौहार्द के इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए धर्मगुरुओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक एक लाख से अधिक माइक उतारे जा चुके हैं। यह सब पहले भी हो सकता था, किन्तु पिछली सरकारों में इच्छाशक्ति नहीं थी। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को आज एक नजीर माना जा रहा है।