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SEMINAR : ग्रेटर नोएडा के लॉयड बिजनेस स्कूल में फेडरल भारत की ओर से AI पर सेमिनार में बोले वक्ता, तकनीक के इस्तेमाल से तेजी से बदल रही है दुनिया

ग्रेटर नोएडा फेडरल भारत न्यूज) : ग्रेटर नोएडा के प्रमुख शिक्षण संस्थान लायड बिजनेस स्कूल में शुक्रवार को तेजी से बढ़ते प्रमुख न्यूज पोर्टल फेडरल भारत और नागरिक सेतु के संयुक्त तत्वावधान में ‘AI IN POLICING & LEGAL DECISION MAKING’ विषय पर सेमिनार का सफल आयोजन किया गया। वक्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि तकनीक का इस्तेमाल विकास को गति देने और लोगों को बेहतर सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराने और सकारात्मक कामों में ही किया जाना चाहिए।

दूरदर्शन के युग से एआइ तक का सफर काफी रोचक : अनिल प्रथम

सेमिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक ( पुलिस रिफार्म) अनिल प्रथम ने एआइ की तकनीक का जिक्र करते हुए कहा कि आज के आधुनिक दौर में प्रत्येक क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि एक समय था, जब भारत में दूरदर्शन आया, तब हम टीवी पर कृषि दर्शन, चित्रहार और कुछ अन्य कार्यक्रमों को ही देखकर खुश होते थे, लेकिन जब अस्सी के दशक में राजीव गांधी की तत्कालीन सरकार ने देश में कंप्यूटर की शुरुआत तो जीवन शैली से लेकर कामकाज के तौर-तरीके भी पूरी तरह बदल गए। जबकि शुरुआत में इस तकनीक का यह कहकर कुछ लोगों ने विरोध भी किया कि कंप्यूटर आ जाने से इसका रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। लेकिन आज कंप्यूटर ने एक तरह से क्रांति कर दी है और नए-नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। अनिल प्रथम ने कहा कि एआइ जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके पुलिस के अति महत्वपूर्ण मामलों, अदालतों के फैसलों और न्यायिक आयोग की रिपोटर्स का डाटा सुरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी नई तकनीक के फायदे और नुकसान दोनों हैं। हमें सदैव अच्छे कामों के लिए ही तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने अपने स्कूल-कालेज के दिनों के संस्मरणों को याद करत हुए कहा कि अब तकनीक काफी तीव्रगति से बढ़ रही है। आवश्यकता आविष्कार की जननी है, इसलिए विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी इसी तरह के नए-नए आविष्कार हो रहे हैं।

लाभ और हानि दोनों को संतुलित करने के आवश्यकता : एपी सिंह

सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के सीनियर काउंसलर एपी सिंह ने कहा कि तकनीक के बुरे और अच्छे दोनों ही परिणाम होते हैं। उन्होंने पुराने दौर को याद करते हुए कहा कि आज तकनीक ने जीवन को काफी कठिन बना दिया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनेकानेक लाभ गिनाते हैं, वहीं वह यह भी मानते हैं कि इसके आने से सबसे बड़ा नुकसान मनुष्यों को ही होगा, क्योंकि उनका काम मशीनों से लिया जाएगा, जो स्वयं ही निर्णय लेने लगेंगी और उन पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो वे मानव सभ्यता के लिये हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे में इनके इस्तेमाल से पहले लाभ और हानि दोनों को संतुलित करने के आवश्यकता होगी।

एआइ जैसी तकनीक अपराधों की रोकथाम में कारगर : एसीपी सुशील कुमार

ग्रेटर नोएडा के एसीपी सुशील कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि एआइ जैसी तकनीक का इस्तेमाल अपराधों की रोकथाम में काफी कारगर सिद्ध हो सकता है। एआइ के माध्यम से कांबिंग, सर्चिंग और घटनास्थल की रियल टाइम जानकारी हासिल करना और समय पर उचित कारवाई करना काफी सरल हुआ है। उन्होंन कहा कि सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म काफी सशक्त माध्यम हैं। इनकी पुलिस में निगरानी की व्यवस्था काफी मजबूत हुई है। उन्होंन कहा कि अब किसी एक खास शब्द को डालकर मौके की स्थिति का पता लगाना पहले की तुलना में अधिक आसान हुआ है। यदि पुलिस को समय रहते कोई सूचना मिल जाती है, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, ऐसे में पुलिस तत्परता से कारवाई कर सकती है।

 

तकनीकी पहलुओं की दी जानकारी
एक्सनीयर टेक्नालाजीज के सीईओ एवं कोफाउंडर धीरेंद्र कुमार ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अर्थ है बनावटी तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। इसके जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है, जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है। उन्होंने एआइ के तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान छात्रों के प्रश्नों के भी उन्होंने उत्तर दिए।
सेमिनार का शुरुआत लायड बिजनेस स्कूल के डीन रिपुदमन गौड़ ने की और इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए फेडरल भारत के संपादक आशीष गुप्ता की सराहना की और कहा कि इसके माध्यम से नई तकनीक के बारे में जानकर पीजीडीएम के छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। इससे पहले अथितियों पूर्व डीजीपी अनिल प्रथम, एसीपी ग्रेटर नोएडा सुशील कुमार, एक्सनीयर टेक्नालाजीज के सीईओ एवं कोफाउंडर धीरेंद्र कुमार, फेडरल भारत के आशीष गुप्ता ने मां सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर कालेज की ओर से सभी अथितियों को मोमेंटों और पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए पौधे भेंट दिए। ग्रुप डायरेक्टर वंदन अरोड़ा सेठी ने सभी आगुंतकों और अतिथियों का अभिनंदन किया।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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