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उत्तर प्रदेशलखनऊ

उत्तर प्रदेश के युवा हो रहे आत्मनिर्भर

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का उठा रहे लाभ

लखनऊ। राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवकों की बेरोजगारी की समस्या दूर करने और हुनरमंद, कर्मठ युवाओं को अपने पैरो पर खड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की शुरूआत की है। इस योजना का मुख्य उददे्श्य युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत सरकार उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को अपना उद्योग व्यवसाय शुरू कर स्वरोजगार करने के लिए 25 लाख रूपये तक एवं सेवा क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपये तक ऋण बैंको के माध्यम से उपलब्ध कराती है। इसमें राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान लाभार्थी को दिया जाता है, जो उद्योग क्षेत्र के लिए अधिकतम 6.20 लाख रुपये तथा सेवा क्षेत्र के लिए 2.50 लाख रुपये तक देय होता है। जो उद्यम के दो वर्ष तक सफल संचालन के बाद अनुदान में परिवर्तित हो जाता है।

प्रदेश में बहुत से ऐसे युवा है जो शिक्षित और किसी न किसी ट्रेड में प्रशिक्षण लेने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपना खुद का कोई उद्योग, स्वरोजगार शुरू नहीं कर पाते हैं। मुख्यमंत्री का ध्येय है कि राज्य के ऐसे युवा इस योजना के अन्तर्गत आवेदन करें और अपना रोजगार शुरू करें, इसके लिए सरकार उनकी आर्थिक सहायता करेगी। युवाओं को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत लाभान्वित कराते हुए उनको आत्मनिर्भर एवं सशक्त तथा आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने के लिए सरकार बड़ी तेजी से कार्य कर रही है।

कोरोना काल में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के अर्धकुशल, कुशल श्रमिक, कारीगर, शिक्षित युवा प्रदेश में लौटे हैं। इन प्रवासी श्रमिकों को स्थाई रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार बड़ी तत्परता से कार्य कर रही है। इसके तहत सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़ी कई योजनाओं को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाया है। जहॉ से कोई भी पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकता है। प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं को खुद का उद्योग स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना को बढ़ावा दे रही है। इस योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के लिए यह जरूरी है कि लाभार्थी उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो और बेरोजगार हो। आवेदनकर्ता की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच की होनी चाहिए। और वह किसी बैंक का डिफाल्टर न हो। लाभार्थी को कम से कम हाईस्कूल पास होना जरूरी है तथा इस योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के पहले से इस तरह की किसी अन्य योजना का लाभ न उठा रहा हो।

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत आवेदन कर्ता को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदनकर्ता के पास जन्मतिथि सम्बन्धी हाईस्कूल प्रमाण पत्र, आधारकार्ड, वोटर आईडी कार्ड, उप्र का स्थाई निवासी होने का प्रमाणपत्र, शैक्षिक योग्यता प्रमाणपत्र, उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि/भवन का विवरण अभिलेख, मशीनरी उपकरण, साज-सज्जा के लिए वर्तमान दरों के कोटेशन, जाति प्रमाण पत्र, यदि उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्राप्त किया है तो उसका प्रमाण पत्र, बीपीएल राशनकार्ड की प्रतिलिपि आदि अभिलेखों का आवेदन के साथ लगाने पड़ते हैं। बेवसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करने के बाद जिला स्तर पर जिला चयन समिति के माध्यम से जिला उद्योग केंद्र द्वारा संबंधित उद्योग के ऋण आदि की पत्रावली बनाकर अभिलेखों सहित संबंधित बैंको को भेजी जाती है, जहॉ से लाभार्थी को ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

मुख्यमंत्री की इस योजना का प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवा लाभ उठाते हुए आत्मनिर्भर हो रहे हैं। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को करोड़ों रूपये का ऋण दिलाते हुए करोड़ो रूपये मार्जिन मनी उपादान धनराशि की सहायता दी गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4079 युवाओं को 9496.41 लाख रूपये का ऋण दिलाते हुए उद्यम स्थापित कराए गए हैं। युवाओं द्वारा लगाने जा रहें उद्यमों से अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है, साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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