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उत्तर प्रदेशलखनऊ

पहली मई से बिजली आपूर्ति में होगा सुधार

बिजली मंत्री ने उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों से मांगा सहयोग

लखनऊ। भीषण गर्मी के कारण प्रदेश में बिजली की मांग पिछले चार वर्षों के उच्चतम स्तर करीब 22 हजार 500 मेगावाट पर पहुंच गई है। इस समय अन्य राज्यों में भी बिजली की कटौती शुरू हो गई है। ऐसा अचानक बढ़ी गर्मी और कुछ अन्य तकनीकी कारणों से हो रहा है। इन प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रदेश में विद्युत आपूर्ति को सामान्य रखने और उपभोक्ताओं को अधिकतम विद्युत आपूर्ति देने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहा। आज केंद्रीय सेक्टर 332 मेगावाट, राज्य सेक्टर (पारीक्षा) से 118 मेगावाट तथा अन्य स्रोतों से 331 मेगावाट विद्युत की उपलब्धता बढ़ गई है।

ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ने कहा कि पावर कारपोरेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देशानुसार प्रदेश में तय शिड्यूल के अनुरूप ही सभी क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि शहरों को यथा सम्भव कटौती से मुक्त रखने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण क्षत्रों में भी अत्यन्त आवश्यकता पड़ने पर ही आपात कटौती की जा रही हैं। कारपोरेशन बिजली की मांग के अनुरूप विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु विद्युत खरीदने से लेकर सभी सम्भव उपाय कर रहा है। हमें आशा है कि हम शीघ्र ही विद्युत की समस्या को खत्म करने में सफल होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्युत के कार्य में हर समय सजग रहें और जन शिकायतों पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने खराब उपकरणों का त्वरित मरम्मत करने और किसी भी उपकरण के खराब होने की स्थिति का पूर्वानुमान कर भी समय से मरम्मत करें और इन सभी कार्यों के लिए जरूरी उपकरण सामान की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें।

उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे इन विशेष परिस्थितियों में हमारा सहयोग करें और ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे विद्युत कार्मिकों के कार्य में बाधा पहुंचे। हमारे विद्युत  कर्मी निर्बाध आपूर्ति के लिए दिन-रात अपने कार्य में लगे हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है, वहीं कई बिजली इकाइयां तकनीकी कारणों से हफ्तों से बन्द है, ऐसे में बिजली की बचत के प्रयास में सभी अपना सहयोग प्रदान करें।

उन्होंने बताया है कि बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने एक मई से लगभग दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया है। सिक्किम एवं हिमाचल प्रदेश से 400 मेगावाट हाइड्रो पावर जुटाने के अलावा बैकिंग (पूर्व में दी गयी बिजली के बदले अब बिजली लेने की व्यवस्था) की 325 मेगावाट विद्युत मध्यप्रदेश से और 283 मेगावाट बिजली राजस्थान से मिलने की सम्भावना है। इसी तरह बिडिंग के जरिए भी 430 से 950 मेगावाट बिजली की व्यवस्था की जा री है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज का कहना है कि बिजली संकट से निपटने के हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने ने उम्मीद जताई कि पहली मई से लगभग डेढ़-दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम होने से बिजली आपूर्ति की स्थिति में काफी हद तक सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादन की जो ईकाइयां बन्द है उन्हें भी शीघ्र चालू करके का प्रयास युद्धस्तर पर किया जा रहा है। विभिन्न स्तरों पर आपूर्ति, उत्पादन, उपभोक्ता सेवा एवं राजस्व प्राप्ति आदि की गहनता मॉनीटरिंग हो रही है। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों अवकाश के दिनों में भी जनता की सेवा करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों के कार्य दायित्वों का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करने पर बल दिया है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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