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अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाने वाले इस स्वतंत्रता सेनानी को नहीं मिला सम्मान, डीएम को सौंपा ज्ञापन

ग्रेटर नोएडा : देश को अंग्रेजों से आजाद करने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सेना में अपनी सेवा देने वाले स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय चंदू सिंह नागर की पत्नी और उनके परिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सम्मान दिलाने और उनके पैतृक गांव में  स्मारक बनवाने की मांग को लेकर करप्शन फ्री इंडिया संगठन द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। जिलाधिकारी ने उनको सम्मान देने और संबंधित अधिकारी द्वारा जल्द से जल्द गांव में शिलापट लगाने का आश्वासन दिया है।

बता दें भारत को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राण की आहूति दी थी । कुछ को आज भी देश जानता है लेकिन कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्होंने आजादी के लिए हंसकर अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सेना में स्वर्गीय चंदू सिंह नागर ने सिपाही के रूप में अपनी सेवा दी थी। साथ ही देश को आजाद कराने के चक्कर में वह कई बार अग्रेजों द्वारा जेल भी भेजे गए और बताया जाता है कि 12 वर्ष तक चंदू सिंह नागर अपने घर नहीं लौटे, घर वालों ने उनको देश के लिए शहीद समझ लिया था। लेकिन जब 12 साल बाद वह घर लौटे तो गांव वालों ने पहचानने से ही इनकार कर दिया | तब बाद में पता चला कि यह तो हमारा देश भक्त चंदू सिंह है। साथ ही उनके परिवार वालों ने बताया कि उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा भी सम्मानित किया गया था। लेकिन उनका परिवार आज महज सम्मान पाने के लिए भटक रहा है।

चंदू सिंह नागर जी गौतमबुद्ध नगर के दनकौर के कनारसी गांव के रहने वाले थे। जहां आज भी उनकी पत्नी विद्या देवी और उनका परिवार रह रहा है। आरोप है कि आज तक जिला प्रशासन की तरफ से उनके परिवार का स्वतंत्रता दिवस या फिर गणतंत्र दिवस पर कोई सम्मान नहीं दिया गया। चंदू सिंह नागर की पत्नी को सम्मान दिलाने की मांग को लेकर करप्शन फ्री इंडिया संगठन की तरफ से डीएम मनीष कुमार को ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही करप्शन फ्री इंडिया संगठन के सदस्यों की तरफ से मांग की गई कि उनके गांव में चंदू सिंह नागर जी की मूर्ति भी बनवाई जाए। जिससे उनके परिवार को सम्मान मिल सके। वहीं डीएम मनीष कुमार ने चंदू सिंह नागर की पत्नी को सम्मान और जल्द उनके गांव में शिलापट लगाने का आश्वासन दिया है।

Sitesh Kumar

मेरा जन्म 25 फरवरी 2000 को बिहार के छपरा जिले में हुआ था। पत्रकारिता मेरे लिए करियर के साथ-साथ जुनून भी है। मैंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से BJMC की है। मैंने TV 100 National News में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। इसके साथ ही कुछ महीने तक हरिभूमि में सब एडिटर के पद पर रहा । वर्तमान में मैं Federal Bharat News के साथ बतौर रिपोर्टर के रूप में कार्य कर रहा हूं। मुझे पढ़ना और दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।

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Sitesh Kumar

मेरा जन्म 25 फरवरी 2000 को बिहार के छपरा जिले में हुआ था। पत्रकारिता मेरे लिए करियर के साथ-साथ जुनून भी है। मैंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से BJMC की है। मैंने TV 100 National News में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। इसके साथ ही कुछ महीने तक हरिभूमि में सब एडिटर के पद पर रहा । वर्तमान में मैं Federal Bharat News के साथ बतौर रिपोर्टर के रूप में कार्य कर रहा हूं। मुझे पढ़ना और दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।

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