सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल से 2 करोड़ की साइबर ठगी के आरोप में जयपुर से तीन गिरफ्तार, ठगों को किराए पर देते हैं बैंक खाते
नोएडा (फेडरल भारत न्यूज) : थाना साइबर क्राइम पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल को मनी लांड्रिंग के मामले में फंसाकर डिजिटल अरेस्ट किया और दो करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि बैंक खातों में ट्रांसफर कराने वाले तीन साइबर जालसाजों को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने फर्जी डीसीपी बनकर स्काईएप डाउनलोड कराया और फिर वीडियो कॉल करके रिटायर्ड आर्मी अफसर को डिजिटल अरेस्ट करके पैसा ट्रांसफर करा लिया।
डीसीपी बनकर साइबर जाल में रिटा मेजर जनरल को फंसाया
डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि सेक्टर 20 थाना क्षेत्र के सेक्टर 31 में रहने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल एनके धीर ने 27 अगस्त को साइबर क्राइम थाने में दो करोड़ रुपये की साइबर ठगी का अभियोग पंजीकृत कराया था। साइबर जालसाजों ने डीएचएल कोरियर सर्विस का कर्मचारी बनकर फोन किया और मोबाइल व आईडी का प्रयोग मनी लांड्रिंग में किये जाने की जांच साइबर क्राइम मुंबई द्वारा किए जाने का डर दिखाया। साइबर जालसाज ने फर्जी डीसीपी राजपुर बनकर पीडित को स्काई ऐप डाउनलोड कराया और डिजिटल कस्टडी में लेकर रिटा मेजर जनरल की एफडी तुड़वाकर दो करोड़ रुपये की राशि फर्जी बैंक खातों में जमा कराई।
एक-एक कड़ी जोड़कर पुलिस जालसाजों तक पहुंची
डीसीपी यादव ने बताया कि इस मामले की जांच इंस्पेक्टर विनोद कुमार यादव को सौंपी गई। जांच के दौरान पुलिस ने फोन और अन्य सूचना संपर्कों के माध्यम से एक-एक कड़ी जोड़ी और पुलिस अपराधियों तक पहुंचं गई। पुलिस ने इस संबंध में साइबर जालसाजों कानाराम गुर्जर, ललित कुमार और सचिन कुमार को जयपुर के छालान रोज मानसरोवर से गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह अन्य सहअभियुक्तों के साथ मिलकर सीनियर सिटीजन, रिटायर्ड अधिकारियों को स्काईप कॉल के माध्यम से अपना शिकार बनाते हैं।
किराए पर लिए खातों में कराया जाता है जमा पैसा
साइबर क्राइम करने वाले जालसाज राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, अजमेर और अलवर आदि शहरों में पीजी में रहकर तैयारी कर रहे छात्रों, रेस्टोरेंटों में काम करने वाले स्टाफ के खातों को किराए पर लेते हैं। इसके बदले उन्हें भारी कमीशन दिया जाता है। उनके बैंक खातों के सिम अथवा एटीएम के माध्यम से पैसा यूएसटीडी के माध्यम से कैश कराकर आपस में वितरित किया जाता है। साइबर जालसाजों का सरगना राजकुमार पुत्र गोपाल सिंह निवासी अलवर को हाल ही में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस उसके संबंध में भी संपूर्ण जानकारी जुटा रही है।
अभियुक्त सचिन पर विभिन्न राज्यों में 76 मामले
अभियुक्त सचिन कुमार ने बताया कि उसने साइबर अपराधियों को अपने खाते उपलब्ध कराए। उसके विरुद्ध एनसीआरपी पोर्टल(नेशनल साइबर क्राइम) पर कुल 76 मामले दर्ज है। इनमें तमिलनाडे के 08, कर्नाटक के 20, महाराष्ट्र के 13, तेलंगाना के 07, आंध्र प्रदेश के 5, दिल्ली के तीन, हरियाणा के 3, बंगाल के 3, गुजरात के 2, झाऱखंड, केरल, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 2-2 तथा छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड का एक-एक मामला है। ललित कुमार ग्राम रेटा कस्बा कठुमर थाना कठुमर अलवर का रहने वाला है और 22 साल का है।
अभियुक्त को गिरफ्तार करने वाली टीम
साइबर जालसाजों को अथक प्रयास के बाद गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर क्राइम इंस्पेक्टर विनोद कुमार यादव, हेड कांस्टेबल अरिहंत जैन, कांस्टेबल धर्मदास तोमर और कांस्टेबल अरविंद सिंह शामिल रहे।
साइबर क्राइम से कैसे बचें
1- डिजिटल अरेस्ट : पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है ।
2- आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है ।
3- ऐसा कोई सरकारी बैंक खाता या आरबीआई का SSA (Secret supervision account) खाता नहीं है जिसमें आपसे पैसे ट्रांसफर कराकर उस पैसे की जाँच की जाती हो।
4-इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल/ इंटरनेट skype/ zoom/ विडियो काल आती है और जाँच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने हेतु कहा जाता है या मनीलांड्रिग के केस का भय दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना से संपर्क करें । तथा साइबर हेल्प लाईन नंबर 1930 पर काल करें www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत तत्काल दर्ज करायें।