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दुखदः डाक्टर का रेलवे लाइन के पास मिला शव

हत्या या आत्महत्या के मामले की जांच में जुटी पुलिस

ग्रेटर नोएडा। दनकौर कोतवाली क्षेत्र में रेलवे लाइन के पास डाक्टर का शव मिला। स्थानीय निवासी ने शव पड़ा होने की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। डाक्टर ने की हत्या हुई या आत्महत्या की, इस मामले की पुलिस जांच कर रही है।

कर्ज में डूबा था डाक्टर

स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि जिस  डॉक्टर का शव मिला है वह कर्ज में डूबा हुआ था। लेकिन यह लोगों का कयास ही है। डाक्टर ने आत्महत्या की या उसकी हत्या की गई, पुलिस इस बारे में जांच कर रही है।

तीन नवंबर से ही गायब थे

स्थनीय लोगों ने पुलिस को बताया कि 3 नवंबर को डॉक्टर सिकंदराबाद जाने के लिए निकले थे लेकिन तब से वे वापस नहीं लौटे। परिवारवालों ने उनकी खोज की तो पता चला कि डॉक्टर सिकंदराबाद नहीं पहुंचे थे। आज रविवार को उनके परिजनों ने डॉक्टर के गायब होने की शिकायत दर्ज करा दी।

जेवर में रहते थे डाक्टर

स्थानीय लोग बताते हैं कि डाक्टर पिछले 25 वर्षों से जेवर में रहते थे। वे इस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। उनकी मौत पर कई तरह की चर्चा है।

आरएमपी की डिग्री थी

पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि  उन्होंने पास आरएमपी डिग्री थी। उन्होंने जेवर में क्लीनिक खोला था। वह हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहते थे।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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