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श्रद्धांजलिः देश की आजादी के अगुवा रहे शहीद दरियाव सिंह नागर की पुण्यतिथि मनाई, तस्वीर को अर्पित की पुष्पांजलि

दरियाव सिंह नागर ने कई बार अंग्रेजी शासन की चूलें हिलाकर रख दी थी, अंग्रेजों ने अंग्रेजों को बंधक बनाकर अपने खेतों में हल चलाने को कर दिया था मजबूर

ग्रेटर नोएडा। जेवर ब्लॉक के जुनेदपुर गांव में देश की आजादी के अगुवा रहे शहीद दरियाव सिंह नागर की पुण्यतिथि दरियाव सिंह गुर्जर चौक पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर मनाई गई। इस अवसर पर लोगों ने उनके द्वारा देश की आजादी में दिए योगदान को यादकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

कौन थे दरियाव सिंह  

शहीद दरियाव सिंह युवा समिति के अध्यक्ष सुनील प्रधान और मास्टर दिनेश नागर ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि दरियाव सिंह नागर स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख सेनानी थे। वे इतने अधिक जीवट थे कि उनके नाम सुनकर अंग्रेज अफसरों की रूह कांप जाती थी। दरियाव सिंह नागर ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दनकौर क्षेत्र में अंग्रेजी शासन की चूलें हिलाकर रख दी थी। उन्होंने कई बार अंग्रेजों को बंधक बनाकर उनसे अपने खेतों में हल तक चलाने को मजबूर कर दिया था। उन्होंने अंग्रेजों को बंधक बनाकर उनके हथियार भी कई बार लूट लिए थे। उन्हें मारापीटा भी था। उन्होंने बताया कि  दरियाव सिंह नागर का खौफ अंग्रेजी हुकूमत के लोग मानते थे। यही कारण था कि अंग्रेज अफसर ग्रामीण क्षेत्रों में खासतौर से दरियाव सिंह नागर के प्रभाव क्षेत्र में आने से घबराते थे। उन्होंने कहा कि दरियाव सिंह का अंग्रेजों के बीच इतना अधिक आतंक था कि उन्हें धोखे से पकड़कर आज की ही तारीख 14 मई 1857 ई. को देश के इस सपूत दरियाव सिंह नागर को बुलंदशहर के काले आम पर फांसी दे दी थी।

इन लोगों ने दी श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि देने में बीरसिंह नागर, फिरे नागर, रवींद्र नागर, जुगेंद्र सिंह हवलदार, ब्रह्मपाल सिंह, कमल, प्रेम प्रधान, मनोज मास्टर, संदीप नागर, राकेश नेता, पवन नागर, आकाश, रितिक नागर व प्रतीक नागर आदि लोग प्रमुख रूप से शामिल थे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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