फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाकर बेचने वाले दो गिरफ्तार
आखिर कैसे बनाते थे, कितने में बेचते थे और कबसे कर रहे थे यह अवैध काम
नोएडा। यदि आप निजी संस्थान चला रहे हों और किसी को नौकरी पर रख रहे हों तो उसकी डिग्री और मार्कशीट को बारीकी से चेक कर लें। हो सकता है वह फर्जी हो। क्योंकि जिले में फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने का धंधा चल रहा है। पुलिस ने ऐसे ही दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट फेज एक थाने की पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाकर बेचने वाले दो कालाकारोबारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह अवैध काम वे वर्षों से कर रहे थे।
पुलिस प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपी इस अवैध काम को करीब 20 सालों से अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने कहा कि पक़ड़े गए दोनों आरोपी शातिर किस्म के अपराधी हैं। वे मात्र बारहवीं पास हैं लेकिन मार्कशीट और डिग्री स्नातक, स्नातकोत्तर सहित अन्य की बनाकर हजारों रुपये में बेचने का काम करते थे।
पुलिस ने बताया कि आदिल और उसका दोस्त अकील दोनों की मिलकर ये काला धंधा कर रहे थे। अकील की मौत के बाद उसके बेटे आदिल के साथ अब्दुल समद काम कर रहा था। वे मार्कशीट और डिग्री बनाकर तीन हजार से लेकर चार हजार रूपये मे बेच देते थे। मार्कशीट और डिग्रिया बनाने के लिए वे कोरल ड्रा साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे।
पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया कि अब तक वे करीब दस हजार लोगों को फर्जी डिग्रिया व मार्कशीट बनाकर बेच चुके हैं।
हर महीने वे 10-15 लोगों को डिग्रिया और मार्कशीट बना कर बेच देते थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि अधिकत्तर लोग प्राइवेट जॉब के लिए डिग्रिया बनवाते हैं। इनके और भी डाक्यूमैन्ट्स चेक किए जा रहे हैं।