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उत्तर प्रदेशलखनऊ

गहरी बोरिंग नलकूप योजना से किसानों के खेतों में लहलहाई फसल

सिंचाई परियोजनाओं का किसान ले रहे लाभ, अनुदान भी है मिलता

लखनऊ। किसानों को फसलोत्पादन के लिए सिंचाई की सुविधा अति आवश्यक है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 20 से अधिक बॉधों और सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कराकर लगभग 22 लाख हेक्टेयर भूमि के अतिरिक्त सिंचन क्षमता को बढ़ाया है। जिन क्षेत्रों में नहर और नलकूप की सुविधा नहीं है या प्रदेश के जिन क्षेत्रों में भूगर्भ जल नीचे हैं या पथरीला क्षेत्र है, किसानों को सिंचाई सुविधा न होने पर फसलोत्पादन में कठिनाई आती है।

प्रदेश के ऐसे क्षेत्रों में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजनान्तर्गत सभी श्रेणी के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने गहरे नलकूप योजना संचालित की है। इस योजना में भारी रिंग मशीनों द्वारा 61 मीटर से 90 मीटर की गहराई तक (200 एमएम व्यास की) गहरी बोरिंग की जाती है। इस योजना से लाभ लेने के लिए कृषकों के लिए पात्रता भी निर्धारित की गई है।

इस योजना में सभी श्रेणी के कृषक पात्र होते है किन्तु जो कृषक मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना (उथले नलकूप एवं मध्यम गहरे नलकूप) की योजना में पूर्व से लाभान्वित हैं, उन्हें इस योजना का लाभ तभी मिलता है। जब वह पूर्व योजना के डिफाल्टर न हो तथा ऋण का पूर्ण भुगतान कर चुके हो। कृषक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना pmkisan.gov.in अथवा पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल http://upagripardarshi.gov.in पर पंजीकरण होना अनिवार्य है। कृषक द्वारा बोरिंग कराने हेतु वेब-पोर्टल jjmup.org पर किया गया ऑन लाईन आवेदन ही स्वीकार किया जाता है। इस योजना में न्यूनतम 12 हेक्टेयर सकल भूमि सिंचित होना आवश्यक है। नलकूप की लागत में ड्रिलिंग, पाइप, पम्पिंग सेट, पम्प हाऊस, विद्युतीकरण एवं जल वितरण प्रणाली का व्यय सम्मिलित है।

प्रदेश सरकार की इस योजना में नलकूप की लागत का 50 प्रतिशत या 1,00,000 रू0 जो भी कम हो, का अनुदान किसानों को दिया जाता है। भूमिगत पाइप लाइन, पक्की नाली निर्माण अथवा एचडीपीई पाइप सेट के लिए 50 प्रतिशत अथवा 10,000 रू0 जो भी कम हो के अनुदान की अतिरिक्त सुविधा भी दी जाती है। इस प्रकार जल वितरण को सम्मिलित करते हुए कुल अनुदान मु0 1,10,000 रू0 अनुमन्य है। योजना के अन्तर्गत निर्मित नलकूपों के ऊर्जीकरण के लिए मु0 68,000 रू0 प्रति नलकूप का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाता है।

इस प्रकार प्रति नलकूप पूर्व स्वीकृत लागत अनुदान सीमा का समस्त मदों (बोरिंग, ऊर्जीकरण व जल वितरण प्रणाली) को सम्मिलित करते हुए रू0 1.78 लाख का कुल अनुदान सम्बन्धित किसान को दिया जाता है। गहरे नलकूप निर्माण हेतु इच्छुक पात्र कृषक रू0 1,500 पंजीकरण राशि जमा कर अपने जनपद के सहायक अभियन्ता/अधिशासी अभियन्ता, लघु सिंचाई कार्यालय में पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के उपरान्त कृषक की साईट कार्यालय का जियोफिजिकल सर्वेक्षण कराया जाता है तथा नलकूप स्थल के स्थलीय सर्वेक्षण उपयुक्त पाये जाने की दशा में प्राक्कलन धनराशि का 50 प्रतिशत धनराशि कृषक द्वारा विभाग में जमा किया जाता है। तत्पश्चात बोंरिग वरीयता क्रम में की जाती है।

बोरिंग पूर्ण होने के पश्चात, पम्पसेट के हार्स पावर इत्यादि के परामर्श के साथ, कृषक को हस्तानान्तरित कर दी जाती है। कृषक द्वारा पम्पसेट स्थापना, विद्युत कनेक्शन, पम्प हाऊस, सिंचाई नाली आदि निर्माण किये जाने के पश्चात भौतिक सत्यापन किया जाता है। सत्यापन के उपरान्त अनुदान की अवशेष धनराशि कृषक के खाते में भेज दी जाती है। इस योजना के लिए किसानों को बैंकों से ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।

प्रदेश के किसानों के हितैषी प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्येय है कि किसानों को हर तरह की सुविधा दी जाय जिससे फसलोत्पादन में बढ़ोत्तरी करते हुए उनकी आय में वृद्धि हो। सरकार किसानों को हर तरह की सुविधायें प्रदान कर रही है। गहरे नलकूप योजनान्तर्गत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 4936 गहरी बोरिंग करते हुए किसानों को लाभान्वित किया गया है। इससे 59232 हे0 खेत की अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का रकबा बढ़ा है और किसानों के खेतों में फसल लहलहा रही है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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