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अल्टीमेटमः किसानों की समस्याओं का एक सप्ताह में समाधान नहीं हुआ तो ग्रेनो प्राधिकरण को पूरी तरह जाम कर देंगे

डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन में जुटे हजारों किसान, प्राधिकरण का किया गेट बंद, शाम बाद बजे बाद चेतावनी देने के बाद खुद खोल दिया

ग्रेटर नोएडा। किसान सभा के आह्वान पर ग्रेटर नोएडा विकास पर डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन में हजारों किसान शामिल हुए। इनमें महिला और पुरुष दोनों थे। उन्होंने प्राधिकरण के दोनों गेटों को पूरी तरह से बंद कर दिया। शाम पांच बजे गेट नंबर 1 को इस घोषणा के साथ खुद ही खोल दिया कि यदि समस्याएं एक हफ्ते में दूर नहीं हुई तो प्राधिकरण को पूरी तरह जाम कर दिया जाएगा। किसान जब प्राधिकरण गेट की ओर बढ़ रहे थे तब पुलिस और उनके बीच धक्कामुक्की भी हुई।

 

 

गोल चक्कर पर इकट्ठा हुए किसान

कल सोमवार की जिलाधिकारी मनीष कुमार की पहल पर उनकी अध्यक्षता में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और किसान प्रतिनिधियों के बीच कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक हुई थी। बैठक में अधिकारी किसानों की मांगों और समस्याओं पर सहमति तो जताई लेकिन उनके समाधान का कोई ठोस कार्यवाही का भरोसा नहीं दिलाया। इससे वार्ता विफल हो गई थी। वार्ता के विफल होने के बाद आज मंगलवार को अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार हजारों किसान दोपहर 12 बजे तक प्राधिकरण गोल चक्कर पर इकट्ठा हुए। वहां से जुलूस के रूप में वे आगे बढ़े। प्राधिकरण के गेट नंबर-1 पर डीसीपी रामबदन सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात था। पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की लेकिन किसानों ने पुलिस को पीछे धकेलते हुए गेट नंबर 1 पर कब्जा कर लिया और उसे बंद कर दिया।

गेट नंबर दो पर पहले से ही है कब्जा

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के गेट नंबर-2 पर किसानों का पहले से कब्जा है। इस गेट से प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों आना-जाना पूरी तरह से बंद है। आज गेट नंबर-एक को भी सांकेतिक रूप से बंद किसानों ने अपनी समस्याओं के समाधान निकालने और मांगों को पूरा करने के लिए प्राधिकरण को एक सप्ताह का समय दिया।

महापड़ाव का 43वां दिन   

किसान सभा के आह्वान विभिन्न प्रभावित गांवों के किसान पिछले 25 अप्रैल से ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर महापड़ाव (धरना) डाले हुए हैं। उनके महापड़ाव का आज आज 43 वां  दिन था। गेट पर कब्जा करने के बाद किसानों ने दोनों गेटों पर अपनी विरोध सभा शुरू कर दी। दोनों गेटों पर हजारों की संख्या में महिला और पुरुष दोनों किसान मौजूद थे। इस दौरान जो भी लोग प्राधिकरण में अंदर थे वह अंदर ही रहे और जो बाहर थे वे बाहर ही रह गए। प्रशासन को किसानों को रोकने अथवा गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं हुई। सिवाय थोड़ी धक्का-मुक्की के।

सीईओ को कमजोर करार दिया

यहां किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राधिकरण की सीईओ बेहद कमजोर अधिकारी हैं। वे किसान विरोधी भी हैं। किसानों की समस्याओं का हल नहीं करना चाहतीं जबकि 50 गांवों के हजारों किसान धरना दे रहे हैं। लोकतंत्र में इस तरह की संवेदनहीनता ना काबिले बर्दाश्त है। लोक सेवक को लोक सेवक की तरह व्यवहार करना चाहिए और किसानों की वाजिब समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए। अबकी बार किसान किसी आश्वासन अथवा लिखित आश्वासन के लिए नहीं आया बल्कि ठोस नतीजे प्राप्त करने आए हैं। किसानों ने पूरे 1 साल का मन बनाकर आंदोलन की शुरुआत की है। यहां पर पक्का मोर्चा लगा दिया है। मोर्चा तब तक चलेगा जब तक कि समस्याएं हल नहीं हो जाती। डेरा डालो घेरा डालो के तहत सैकड़ों किसान प्राधिकरण पर ही घर बनाकर आज से रहना शुरू करेंगे।

आक्रोशित है किसान

किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा किसान विरोधी प्राधिकरण अधिकारियों को या तो किसानों की समस्याएं हल करनी होंगी या यहां से जाना पड़ेगा। उपाध्यक्ष सूबेदार ब्रह्मपाल ने कहा कि यदि प्राधिकरण ने किसानों की समस्याएं हल नहीं की तो यह आंदोलन सत्ताधारी पार्टी को आने वाले चुनाव में भारी पड़ सकता है। 50 गांव के किसान आक्रोशित हैं और बिना समस्याओं को हल कराए बिना घर जाने वाले नहीं हैं। संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि हम सभी विपक्षी पार्टियों के नेता पूर्व चेयरमैन गजराज सिंह सपा के जिला अध्यक्ष सुधीर, पूर्व अध्यक्ष इंद्र प्रधान किसान यूनियन अंबावता के नेता कृष्ण बृजेश किसान परिषद के नेता सुखबीर खलीफा और कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष कर रहे जय जवान जय किसान संगठन के नेता सुनील फौजी समर्थन तो है ही उनका पूरा सहयोग भी है। वे आंदोलन का हिस्सा रहे। गवरी मुखिया ने चेतावनी दी कि हम अपने पूर्वजों की जमीन पर कोई हमला नहीं होने देंगे। जब तक आबादियों की लीज बैक 10% आबादी प्लाट 40 वर्ग मीटर का भूमिहीनों का प्लाट रोजगार 17.5 पर्सेंट का किसान कोटा, 120 वर्ग मीटर का न्यूनतम प्लाट और अन्य मुद्दे हल नहीं हो जाते तब तक किसान प्राधिकरण को घेरने का काम करेंगे।

ये लोग रहे प्रमुख रूप से शामिल

प्रदर्शन में अमित, मोहित, शशांक, मोनू, सुरेंद्र यादव, सुरेश यादव, राजू, हरेंद्र खारी एवं हजारों महिला पुरुष किसान उपस्थित रहे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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