तीनों प्राधिकरणों में शीघ्र होगी लागू: भूखंड आवंटन की एक जैसी पॉलिसी, जानिए क्या होगा असर
Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थित तीनों प्राधिकरण- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अब एक नीती के तहत ही औद्योगिक भूखंडों का आवंटन करेंगे। इसको लेकर बैठकों का दौर जारी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व यमुना प्राधिकरण में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की पॉलिसी एक समान होगी। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में जेनरल मैनेजर ऑफ फाइनेंस विनोद कुमार ने फेडरल भारत को बताया कि तीनों प्राधिकरणों की तरफ से सार्क एंड एसोसिएट्स को इस कार्य की जिम्मदारी सौंपी गई है। आगामी बोर्ड बैठक में फिर से इसपर चर्चा होगी और जल्द इस पॉलिसी को लागू किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी
विनोद कुमार आगे कहते है कि प्राधिकरणों की तरफ से सार्क एंड एसोसिएट्स को इस कार्य की जिम्मदारी सौंपी गई थी। इससे पहले एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार करने के लिए तीनों प्राधिकरणों की एक समिति बनाई गई, जिसकी बैठक में तीनों प्राधिकरणों के वित्त नियंत्रक एवं महाप्रबंधक की बैठक हुई, जिसके आधार पर आवंटन की अर्हता, लीज रेंट व अन्य प्रक्रियाओं के संबंध में एकरूपता लाने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
एक समान पॉलिसी से क्या होगा असर ?
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों के औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की नीति अब एक समान होने से इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी। आवंटन की अर्हता, लीज रेंट, और अन्य प्रक्रियाओं में समानता लाने पर ध्यान दिया गया है, जिससे निवेशकों को अच्छा लाभ मिल सकता है।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले में निवेश करने वाले उद्योगपतियों के सामने कोई दुविधा न हो। एक समान नीति से पात्रता मानदंड, पट्टे की शर्तें, किराया संरचना, और औपचारिकताओं में स्पष्टता आएगी। इससे निवेशकों को सुविधा होगी, और विकास की गति तेज होगी। यह बदलाव गौतमबुद्ध नगर में औद्योगिक गतिविधियों को नया आकार दे सकता है।
कंसोर्टियम बनाने की अनुमति
अब से, 10,000 वर्ग मीटर या उससे अधिक के बड़े भूखंडों के लिए पांच कंपनियों का कंसोर्टियम बनाया जा सकेगा। कंसोर्टियम के मुख्य सदस्य को 51 प्रतिशत और अन्य सदस्यों को न्यूनतम 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रखनी होगी। साथ ही, एक समझौता (एमओए) तैयार करना होगा, जिसमें सभी सदस्यों की भूमिका और वित्तीय जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से तय की जाएंगी।
ई-नीलामी और साक्षात्कार प्रक्रिया से आवंटन
8,000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए ई-नीलामी की जाएगी, जिसमें तकनीकी प्रस्तावों का मूल्यांकन स्क्रीनिंग समिति करेगी। यदि तीन या अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो ई-नीलामी होगी। 8,000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
आर्थिक मानदंडों को सख्त किया गया
एक लाख वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए आवेदकों को 30 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति का प्रमाणपत्र और उससे बड़े भूखंडों के लिए 60 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। यह मानदंड आर्थिक रूप से सक्षम निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाए गए हैं।