बिजली की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने किया एनपीसीएल पर प्रदर्शन, इन मांगों पर बनी सहमति
ग्रेटर नोएडा : बिजली की विभिन्न समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में सैंकड़ों लोगों ने ग्रेटर नोएडा में बिजली सप्लाई करने वाली एनपीसएल के खिलाफ धरना दिया। इस दौरान उन्होंने कंपनी पर किसानों का शोषण करने का आरोप लगाया है। एनपीसीएल नाजायज चोरी के मुकदमे दर्ज कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई ग्रामीण शेड्यूल के अनुसार दी जा रही है जबकि बिजली के रेट शहरी रेट पर चार्ज किये जा रहे हैं।
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि कंपनी प्राधिकरण क्षेत्र में काम कर रही है जबकि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों को नौकरी नहीं देती है। ट्यूबवेल के चार्ज भी लिए जा रहे हैं जबकि ट्यूबवेल का बिल उत्तर प्रदेश सरकार ने माफ कर दिया है। बेवजह लोगों को पीड़ित किया जा रहा है। लोगों में कंपनी के खिलाफ भारी असंतोष है। एसीपी सुशील कुमार, एनपीसीएल कंपनी के उपाध्यक्ष सारनाथ गांगुली के साथ 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग हुई। कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने ट्यूबवेल पर हाल ही में वसूले गए सभी बिल राशि को वापस करने का आश्वासन दिया और आगे सरकारी नोटिफिकेशन को पूरी तरह लागू करने के लिए कहा। बिजली चोरी के मामलों में किसान सभा ने मांग रखी कि 2 लाख तक की बिजली चोरी के सभी मामले रद्द किए जाएं। उससे ऊपर के सभी मामलों में केस टू केस बेसिक पर अधिकतम धनराशि माफ करते हुए निस्तारण किया जाए। कंपनी ने आश्वासन दिया कि उच्च स्तर पर वार्ता कर नतीजे से अवगत कराएंगे और इस संबंध में आगे वार्ता जारी रखेंगे।
किसान सभा ने मांग रखी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण शेड्यूल की सप्लाई करने पर ग्रामीण दर से ही बिल जनरेट किए जाएं शहरी रेट से बिल जनरेट करने पर शहरी शेड्यूल जिसमें 24 घंटे बिजली सप्लाई का प्रावधान है लागू किया जाए इस पर कंपनी ने सहमति जताई है और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। रोजगार के मुद्दे पर कंपनी ने कहा है कि हम योग्यता अनुसार रोजगार देने के लिए राजी हैं। कंपनी ने जिन किसानों पर ट्यूबवेल के बिल भूमि अधिग्रहण होने के बावजूद भी आ रहे हैं वे नक्शा 11 की कॉपी दिखा दे उनका बिल खत्म कर देने का वादा किया और सहमति जताई।