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आजम खान की फिर बढ़ीं मुश्किलें

रामपुर से सीतापुर जेल भेजा गया वारंट, 19 मई को कोर्ट में सुनवाई

रामपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अभी पुराने मामले सुलझे भी नहीं कि एक नया मामला फिर सामने आ गया है। आजम खां विभिन्न आरोपों में इस समय सीतापुर जिला जेल में बंद हैं।

नए मामले में रामपुर की पुलिस ने आजम खां को रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता में खेल किये जाने का आरोपी बनाया है। रामपुर की स्पेशल एमपी/ एमएलए कोर्ट से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को आजम खां को इस केस के वारंट जेल में तामील करा दिए गए हैं। सीतापुर जिला जेल के जेलर ने वारंट प्राप्त कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई 19 मई को कोर्ट में होगी। मामले में आजम और उनकी पत्नी तंजीन फातमा आरोपी बनाए गए हैं। साल 2020 में कोतवाली रामपुर में दर्ज हुए मुकदमे के मामले में पुलिस ने दोबारा की जांच की और मामले में आजम खान को आरोपी बनाया है।

बता दें कि साल 2020 में तत्कालीन बीएसए ऐश्वर्य लक्ष्मी के आदेश पर खंड शिक्षाधिकारी प्रेम सिंह ने शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। उस मुकदमे में आजम खां की पत्नी डा. तजीन फातिमा और बीएसए दफ्तर के बाबू तौफीक अहमद को आरोपी बनाया था। आजम खां पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फर्जी बनवाकर मान्यता प्राप्त की थी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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