
कालसर्प दोष आजकल ये नाम बड़ा चलन में है अगर आप ज्योतिष शास्त्र में विश्वास रखते हैं तो आपने इसे जरूर सुना होगा पर आज कल इसे लेकर लोगों में बड़ी भ्रांति फैली है कि जिसकी जन्म कुंडली से बनता है उसकी अकाल मृत्यु हो जाती है, उसके काम बनने बंद हो जाते हैं, वो हमेशा परेशान रहता है और उसका जीवन जीना मुश्किल हो जाता है।
आपकी कुंडली में कब होता है कालसर्प योग का निर्माण ?
जन्म कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण तब होता है जब लग्न कुंडली में 12 खानों में राहु और केतु के मध्य में सारे ग्रह एक ओर आ जाते हैं जबकि दूसरी ओर सभी भाव खाली होते हैं। कुंडली में राहु और केतु को एक तरह से नॉर्थ पोल और साउथ पोल कहा जाता है। ये एक-दूसरे से हमेशा 180 अंश दूर रहते हैं। इन दोनों ग्रहों के बीच छह भावों का अंतर होता है और इन्हीं छह भावों में एक ओर सभी ग्रह होते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है। समाज में इस कालसर्प दोष के बारे में बहुत सी भ्रांतियां फैली हुई है।
कालसर्प योग को लेकर समाज में फैली भ्रान्तियां