एयर डिफेंस सिस्टम क्या है? भारत की हवा में मार करने वाली मिसाइलें: जानिए कौन-कौन हैं शामिल ?

Noida : एयर डिफेंस सिस्टम एक ऐसा सैन्य तंत्र होता है जो देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा करता है। इसका काम होता है दुश्मन के विमान, ड्रोन, मिसाइल या अन्य हवाई खतरों को ट्रैक करना, पहचानना और उन्हें मार गिराना। यह रडार, मिसाइल, और कमांड सिस्टम से मिलकर बना होता है।
कैसे करता है एयर डिफेंस सिस्टम काम?
पहचान और ट्रैकिंग – सबसे पहले रडार सिस्टम हवा में किसी भी संदिग्ध वस्तु की पहचान करता है।
अनुमान और विश्लेषण – सिस्टम तय करता है कि वह वस्तु दुश्मन की है या नहीं और क्या वह खतरा बन सकती है।
निशाना और हमला – यदि खतरा पुष्टि हो जाए, तो मिसाइल सिस्टम तुरंत सक्रिय होकर लक्ष्य को हवा में ही मार गिराता है।
भारत के पास कई अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम हैं:
S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ – रूस से खरीदा गया सबसे उन्नत लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम।
Akash Missile System – DRDO द्वारा विकसित, मीडियम रेंज में दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम।
Barak-8 – भारत और इजरायल का संयुक्त प्रोजेक्ट, समुद्र और जमीन दोनों से लॉन्च किया जा सकता है।
Spyder System – इजरायली शॉर्ट रेंज क्विक-रिएक्शन सिस्टम, खासतौर पर तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए।
Iron Dome (विचाराधीन) – इजरायली सिस्टम जिसे भारत खरीदने की योजना बना रहा है।
PAD और AAD – भारत का अपना बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम जो दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करता है।
PROJECT KUSHA : 2028-29 में यह एयर डिफेंस सिस्टम भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा ।
भारत के पास एयर डिफेंस के लिए विकल्प हैं मौजूद?
भारत के पास एयर डिफेंस के लिए कई ताकतवर विकल्प मौजूद हैं, जो दुश्मन के हवाई हमलों का तुरंत जवाब देने में सक्षम हैं। खासतौर पर जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम्स भारतीय सेना की बड़ी ताकत हैं। ये सिस्टम दुश्मन के लड़ाकू विमान, ड्रोन या मिसाइल को हवा में ही खत्म कर सकते हैं।
इनमें शामिल हैं:
आकाश मिसाइल सिस्टम – देश में ही बना मीडियम रेंज सिस्टम, जो बेहद भरोसेमंद है।
SPYDER सिस्टम – इजरायल से मिला हाई-स्पीड रिएक्शन सिस्टम जो कम ऊंचाई वाले टारगेट को भी मार गिराता है।
बराक-8 – भारत और इजरायल की साझेदारी से तैयार यह सिस्टम समुद्र और जमीन दोनों से काम करता है।
MR-SAM (मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल) – वायुसेना और नौसेना दोनों के लिए विकसित किया गया है।