ग्रेटर नोएडा के गांव में गंदगी का आलम, कब सुधरेगी सफाई व्यवस्था?

नोएडा : ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित चिपयाना बुजुर्ग गांव इन दिनों कूड़े और गंदगी की वजह से डंपिंग ग्राउंड जैसा दिखाई दे रहा है। सड़कों और नालियों में गंदगी फैली है, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
पांच दिन में एक बार उठता है कूड़ा, वो भी अधूरा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां कूड़ा पांच दिन में एक बार उठाया जाता है और वह भी सिर्फ दिखावे के लिए। सफाई कर्मचारी कुछ हिस्सा उठाकर बाकी कूड़ा छोड़ जाते हैं, जिससे गांव में हर तरफ गंदगी फैली हुई है।
निजी सफाईकर्मी भी नहीं बने समाधान
ग्रामीणों ने अपने खर्च पर 100 रुपये महीना देकर सफाईकर्मी रखे हैं, लेकिन वे भी घरों से कूड़ा उठाकर कहीं भी फेंक देते हैं। इससे गांव की हालत और बिगड़ गई है। मुख्य द्वार के पास भी कूड़े का अंबार लगा है।
आम रास्तों पर भी बदबू और गंदगी
चिपयाना से लालकुआं और एबीईएस कॉलेज जाने वाले रास्ते पर भी कूड़े के ढेर लगे हैं। वहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। बदबू से लोग परेशान हैं और खुले में चलना भी दूभर हो गया है।
शहरी क्षेत्र में शामिल, लेकिन सफाई व्यवस्था बदहाल
प्राधिकरण द्वारा गांव को शहरी क्षेत्र में शामिल तो कर लिया गया है, लेकिन विकास के नाम पर सफाई तक की उचित व्यवस्था नहीं की गई। चिपयाना बुजुर्ग गांव जिला पंचायत अध्यक्ष का गांव होने के बावजूद सफाई के हालात चिंताजनक हैं।