नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों के मौत के पीछे कौन है जिम्मेदार ?
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देश की राजधानी में स्थित नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 18 लोगों को जान गवानी पड़ी। जिसमें 14 महिलाएं और 4 बच्चें शामिल हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि इस हादसे के पीछे ज़िम्मेदारी किसकी है ? स्टेशन मास्टर, आरपीएफ और जीआरपी या कोई और आईए जानने की कोशिश करते हैं।
जीआरपी में लंबे समय तक तैनात रहे पुलिस अफसर अनिल राय का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर भीड़ के हिसाब से प्रबंध न करने से यह हादसा हुआ।
इस व्यवस्था का जिम्मा संबंधित रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर से लेकर हर उस अधिकारी के कंधों पर होता है, जिसके अधिकार क्षेत्र में स्टेशन आता है. व्यवस्था बनाए रखने और सुरक्षा के लिए रेलवे की मदद में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) की तैनाती की जाती है.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले एक कुली कहना है कि, मैं साल 1981 से कुली के रूप में काम कर रहा हूं. पहले कभी यहां ऐसी भीड़ नहीं देखी थी. दरअसल, प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना किया जाना था. अचानक इसे प्लेटफॉर्म नंबर 16 से रवाना करने की घोषणा कर दी गई.
उनका कहना है कि कि भगदड़ से पहले रेलवे ने हर घंटे में 1500 जनरल टिकट बेचे थे. इसी के कारण स्टेशन पर भीड़ बढ़ती गई और स्थिति बेकाबू हुई. इसके अलावा प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था. इससे दबाव और भी बढ़ गया था.
ऐसे में बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि क्या रेलवे को इस बात का पता नहीं था कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कितनी भीड़ झेलने की क्षमता है? क्या उसे नहीं पता था कि उसकी कितनी ट्रेनों में कितनी रिजर्व और कितनी जनरल सीटें हैं? जाहिर है ट्रेनें रेलवे की हैं तो उसे हर बात की जानकारी होती है. इसके बावजूद अंधाधुंध टिकट काटे गए पर भीड़ से निपटने की पुरजोर कोशिश नहीं की गई.
मॉनीटरिंग सिस्टम पर उठ रहे सवाल?
इतनी बड़ी चूक तब हो गई, जब ज्यादातर बड़े रेलवे स्टेशनों पर खुफिया इनपुट इकट्ठा करने के लिए आरपीएफ के विशेष जवान तैनात रहते हैं. फिर भी उनकी ओर से भीड़ के बारे में कोई इनपुट नहीं दिया गया. खुद रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी स्टेशन के मॉनिटरिंग सिस्टम से जुड़े होते हैं।