महिला साइकिल सवारों ने दिया प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी लोगों से की गई अपील
नोएडा। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग के प्रति लोगों को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से यहां साइकिल यात्रा आयोजित की गई। स्वैग समूह के सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से जन जागरूकता अभियान के तहत यह साइकिल यात्रा आयोजित की गई थी। महिला साइकिल सवारों ने लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश दिया। साइकिल यात्रा का कार्यक्रम स्वैग समूह के एडमिन बरनाली महेला, भावना गौर और डॉक्टर अभिरुचि सिंगाही ने अनुराग साइकिल ग्रेनो वेस्ट के सहयोग से बनाया था।
साइकिल यात्रा कार्यक्रम के लिए महिला राइडर्स एक मूर्ति के चौक के पास एकत्र हुईं। वहां से डी पार्क की ओर गई फिर वहां से वापसी में सभी ने अनुराग साइकिल पर जाकर अपनी यात्रा को पूरी की। वहां पर सभी के लिए धीमी यात्रा में साइकिलिंग करने का कार्यक्रम था। इसके अंतर्गत जो राइडर सबसे आखिरी रेखा को पार करता है, वही विजेता होता है।
कार्यक्रम में एक साल से प्लास्टिक हटाओ अभियान “सेव मदर अर्थ मिशन” से जुड़ी कीर्ति गहलोत को आमंत्रित किया गया था। उन्होने प्लास्टिक को अपनी जिंदगी से कैसे दूर करें, और कैसे धरती मां को प्लास्टिक मुक्त से करें, के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को प्लास्टिक से होने वाली गम्भीर बीमारियों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। भविष्य में शहर को स्वच्छ रखने और प्लास्टिक पर रोक लगाने का भी दृढ़ संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर पोषण विशेषज्ञ डॉ. प्रिया मित्तल भी मौजूद थीं। उन्होंने साइकिल यात्रा के बाद सुबह 6 बजे महिलाओं को संबोधित कर आहार और पोषण संबंधित जानकारी दी। उन्होंने शरीर की देखभाल, आहार में क्या शामिल करें, आहार के फायदे, नुकसान और सन्तुलित आहार पर चर्चा की ।
स्वैग समूह की अध्यक्ष भावना गौर ने कहा कि इंसान मूल रूप से प्रकृति प्रेमी होता है । पौधों का विकास अनायास ही मन को प्रफुल्लित कर देता है । इन सभी महिला पर्यावरण प्रेमियों ने मिलकर स्वच्छ नोएडा के साथ हरित नोएडा भी परचम लहराया और इस उपलक्ष्य पर धरती माँ के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए नीम, बेल, तुलसी, एलोवेरा जैसे औषधियुक्त पौधों का रोपण किया।
इस अवसर पर महिला राइडर्स को प्रमाण पत्र और पदक देकर सम्मानित किया गया। स्लो रेस के पहले तीन विजेताओं को पुरस्कार भी दिए गए।