चिंताजनकः 2021 में 127 बाघों को खो चुका है देश, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र सबसे आगे
आरटीआई में समाज सेवी रंजन तोमर को एनटीसीए से मिली जानकारी
नोएडा। पिछले वर्ष 2021 में जनवरी से दिसंबर तक देश 127 बाघों को खो चुका है। यह जानकारी राष्टीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने समाजसेवी रंजन तोमर को दी है।
गौरतलब है की इस आंकड़े में शिकार किए हुए बाघों के साथ ही प्राकृतिक कारणों से मरने वाले बाघों की संख्या भी शामिल है। सबसे ज़्यादा बाघों की मृत्यु मध्य प्रदेश में हुई है। जहाँ 42 बाघ मरे हैं। महाराष्ट्र में भी यह संख्या 27 रही है।
बाघों के शिकार भी हुए
उन्होंने कहा कि चिंताजनक बात यह है की पहले भी इन दो राज्यों में बाघों के शिकार हमेशा से ज़्यादा रहे हैं। ऐसे में इनका फिर से इस सूची में रहना चौंकाता नहीं है लेकिन परेशान ज़रूर करता है। इसके आलावा कर्नाटक में 14 बाघ मरे। उत्तर प्रदेश में भी यह आंकड़ा 9 रहा। असम में 6 , केरल में 6, तमिलनाडु में 4 , उत्तराखंड में 3 ,बिहार में 4 समेत अन्य राज्यों को मिलाकर यह आंकड़ा सौ से ज़्यादा हो गया है।
बाघों के शिकार को रोकना होगा
यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान तोमर ने बताया की यह आंकड़े कहीं न कहीं चिंतित करते हैं। अब भी दो राज्यों में आधे से ज़्यादा मौतें हो रही हैं। जिनमें एक बड़ा हिस्सा शिकार का है, जिसे रोकना होगा।
विशेष पुलिस दल लगाएं
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार काज़ीरंगा राष्ट्रीय पार्क में एक सींग के गैंडों के शिकार में स्पेशल राइनो प्रोटेक्शन फॉर्स लगाकर भारी कमी आई ऐसे ही इन राज्यों को भी विशेष पुलिस दल लगाना पड़ेगा। तब ही कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे, इसके आलावा तोमर ने कहा की वह इन राज्यों को पत्र के माध्यम से इस बाबत जानकारी देते हुए इस समस्या के समाधान की बात भी पूछेंगे जिससे इन आंकड़ों में कमी आ सके।