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उत्तर प्रदेशलखनऊ

पौधारोपण का महा अभियान चलाएगी योगी सरकार

वातावरण को शुद्ध रखने वाले, औषधीय और फलदार पौधों की संख्या होगी ज़्यादा

लखनऊ। योगी सरकार इस साल पौधारोपण  का महाअभियान चलाएगी। इसके लिए वन विभाग ने कमर कस लिया है। योगी सरकार ऐसे पौधों को लगाएगी जो हवा को अधिक शुद्ध करे,  फलदार हो और औषधीय गुणों वाले हो। वाराणसी मंडल में इस बार एक करोड़ 72 लाख पौधे लगाने की तैयारी है। अकेले वाराणसी में 20 लाख 77 हज़ार पौधे रोपित किए जाएंगे। सभी सरकारी विभाग इस महाअभियान में शामिल होंगे और पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लेंगे।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विकास के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रख रही है। उत्तर प्रदेश की आबोहवा को सुधारने के लिए योगी सरकार ने फुल प्रूफ प्लान तैयार कर लिया है। इसके लिए सर्वाधिक पौधारोपण कार्यक्रम चुना गया है। पौधारोपण के महा अभियान से वायुमंडल में ऑक्सीजन की शुद्ध मात्रा को बढ़ाने व वातावरण को संरक्षित करने में मदद मिलेगी। वाराणसी सर्किल के मुख्य वन संरक्षक व प्रभारी वन संरक्षक प्रमोद  गुप्ता ने बताया कि फ़लदार व ऑक्सीजन देने वाले पौधों को अधिक लगाने की योजना है। सहजन, पीपल, पाकड़, बरगद, अर्जुन, जामुन आंवला ,अमरूद, आम, सागौन, शीशम आदि के ज़्यादा पौधों के रोपने की तैयारी है। गाज़ीपुर में 41 लाख 24 हज़ार, जौनपुर में लगभग 53 लाख 12 हज़ार, चंदौली में करीब 57 लाख 32 हज़ार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गाज़ीपुर और जौनपुर में अमरुद के पौधों की ज्यादा मांग है। सभी जिलों को मिलाकए वाराणसी मंडल में करीब 1 करोड़ 72 लाख पौधे लगाए जाने की महायोजना है।मानसून की शुरुआत के साथ ही वाराणसी में पौधारोपण का महाभियान शुरू होगा।

वन विभाग के अलावा 26 अन्य विभाग पौधारोपण में भाग लेंगे। किस विभाग को कितने पौधे लगाने का लक्ष्य है, उसकी सूची भी वन विभाग ने बना लिया है। इस साल पौधारोपण में कई प्रजातियों के पौधे लगाने की योजना है। पशुपालन विभाग चारे वाले पौधों की मांग करता है। बिजली विभाग काम ऊंचाई वाले पौधों को लगाना चाहता है। जनता की सहभागिता के लिए पौधे लगाने के इच्छुक जनता को भी पौधे देने की योजना बनाई जा रही है। जिससे अधिक से अधिक वृक्षारोपण हो सके और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिले।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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