उत्तर प्रदेशलखनऊ

सामाजिक कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन में योगी का कोई मुकाबला नहीं

निराश्रितों को पेंशन देने के मामले में पूर्व की सरकारों में सबसे आगे

लखनऊ। प्रदेश में सामाजिक कल्याण के जितने कार्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में हुए हैं, उतने पूर्व की किसी सरकार ने नहीं किए। वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन जो पहले 500 रू0 प्रतिमाह थी उसे बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से कर दिया है। प्रदेश के 58 लाख वृद्धजनों, 31 लाख निराश्रित महिलाओं, 11 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन दी जा रही है।

ये सभी समाज के ऐसे पुरुष, महिला, दिव्यांगजन हैं जिन्हें परिवार के लोग बोझ समझते हैं। मुख्यमंत्री ने समाज के इन वर्गों को 12 हजार रुपये वार्षिक पेंशन देते हुए आत्म सम्मान से जीने के लिए समर्थ बनाया है। आज किसान, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन और दिव्यांगजन पेंशन के लाभार्थी समाज में सिर ऊंचा कर जी रहे हैं और प्रदेश सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं।

प्रदेश में कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था के लिए आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने ’’उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’’ शुरू की है, जिसमें शून्य से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों या माता/पिता की कोविड से मृत्यु हुई है ऐसे बच्चों के भरण-पोषण शिक्षा चिकित्सा के लिए चार रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। बालिकाओं के बालिग होने पर शादी के लिए रूपये 1,01,000 (एक लाख एक हजार रुपये) दिया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 11049 बच्चों को आर्थिक सहायता दी गई है। उसी तरह जिन बच्चों ने कोरोना काल में कोविड से इतर कारणों से अपने माता-पिता को खोया है उन्हें उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अंतर्गत 2500 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जा रही है। प्रदेश में अब तक 5284 बच्चों को चिन्हांकित कर लाभान्वित किया गया है।

प्रदेश में समान लिंगानुपात, कन्या भ्रूण हत्या रोकने व लोगों में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए दो बालिकाओं तक के जन्म पर संचालित ’’मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजनान्तर्गत’’ 12.68 लाख से अधिक बालिकाओं को 15 हजार रुपये प्रति बालिका दिया गया है। सभी वर्गों के गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह हेतु संचालित ’’मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत’’ प्रदेश में अब तक 1.75 लाख जोड़ों से अधिक तथा श्रमिकों की कन्याओं के विवाह हेतु संचालित ’’कन्या विवाह अनुदान योजनान्तर्गत’’ 94 हजार कन्याओं का विवाह सम्पन्न कराया गया है। प्रदेश में समेकित बाल विकास सेवा योजनान्तर्गत 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चो, गर्भवती व धात्री महिलाओं को अनुपूरक पुष्टाहार वितरित किया जा रहा है।

प्रदेश के 15 करोड़ अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारकों को निःशुल्क गेहूं, चावल खाद्यान्न के साथ ही आयोडाइज्ड नमक, चना, दाल, साबुन, रिफाइन्ड, खाद्य तेल का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा तीन करोड़ मजदूरों को मार्च, 2022 तक 500 रूपये प्रतिमाह भत्ता और 98 लाख नागरिकों को 1000 रूपये प्रतिमाह का भत्ता दिया गया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत 1.67 करोड़ महिलाओं को मुफ्त घरेलू कुकिंग गैस कनेक्शन देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना है। प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के 42.50 लाख पात्रों को तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 1.02 लाख परिवारों को छत मुहैया कराई गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2.61 करोड़ व्यक्तिगत शौचालय/इज्जतघर का निर्माण कराया गया जो देश में प्रथम स्थान पर है। इस योजनान्तर्गत 10 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं।  प्रदेश के गरीबों को सौभाग्य योजनान्तर्गत 1.41 करोड़ घरों में मुफ्त विद्युुत कनेक्शन दिए गए हैं। प्रदेश में शुद्ध पीने के पानी की आपूर्ति सरकार घरों में कर रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश सरकार 4.67 करोड़ घरों को शुद्ध पाइप पेयजल की सुविधा ’हर घर नल’ योजना के अंतर्गत आपूर्ति कर रही है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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