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मैराथन बैठकः प्राधिकरण व भाकियू की बैठक में बनी कई सहमति, सकारात्मक रही

क्यों हुई बैठक, कौन-कौन से अधिकारी और किसान नेता शामिल थे, क्या बनी दोनों पक्षों में सहमति

ग्रेटर नोएडा। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच हुई बैठक काफी सकारात्मक और सफल रही। बैठक में में आपसी सहमति से तय मामलों पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई।

क्यों हुई थी बैठक

जिला प्रशासन द्वारा तय भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की विभिन्न विभागों और अधिकारियों के साथ बैठक के क्रम में 16 नवंबर को भाकियू की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक दोपहर तीन बजे से शुरू हुई और रात आठ बजे तक चली। करीब पांच घंटे लगातार चली बैठक में प्राधिकरण और भाकियू के बीच कई मामलों पर सहमति बनी।

कौन-कौन से अधिकारी शामिल थे बैठक में

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सभागार में दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक में प्राधिकरण की ओर से एसीईओ दीपचंद, एसीईओ प्रेरणा शर्मा, एसीईओ अमनदीप ढुल्ली, जितेंद्र गौतम डिप्टी कलेक्टर, रजनीकांत ओएसडी, सतीश कुशवाहा ओएसडी, सलिल जीएम प्रोजेक्ट सहित लैंड, प्रोजेक्ट, प्लानिंग, इलेक्ट्रिक आदि विभागों के 25 वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

भाकियू ने क्या कहा बैठक में

बैठक में भाकियू पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने सभी किसानों को 64,7 मुआवजा, 10 परसेंट किसान कोटे के प्लॉट किसानों को तुरंत देने, किसानों की बैकलीज कराने की मांग रखी गई। उन्होंने मांग रखी कि जब तक किसानों की आबादियों का निस्तारण नहीं होता तब तक किसी भी किसान की आबादी को नहीं तोड़ा जाएगा। किसानों को महीने में एक दिन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ वार्ता एवं समस्याओं का समाधान करना होगा। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत हुई है उन किसानों के बच्चों को पहले नक्शा 11 के आधार पर रोजगार की प्राथमिकता दी जाए एवं समस्त गौतमबुद्ध नगर के निवासियों को भी रोजगार मेला लगाकर रोजगार दिलाया जाए जिससे गौतमबुध नगर के युवा गलत संगत में नहीं पड़ें और अपने परिवार का भरण-पोषण एवं बच्चों को शिक्षित कर सकें।

प्राधिकरण के अधिकारियों ने दिया आश्वासन

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ दीपचंद ने कहा कि किसानों की समस्याओं का निस्तारण के लिए 20 नवंबर से पहले आबादी एवं 64,7% मुआवजा और 10 परसेंट किसान कोटे के प्लॉट के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा और जल्द ही रोजगार मेला लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की जमीन प्राधिकरण ने अधिग्रहीत की है पहले प्राथमिकता उन्हीं बच्चों को दी जाएगी। किसानों की समस्याओं के लिए महीने में एक दिन सभी अधिकारियों के साथ बैठक होगी। इसमें किसानों की समस्याएं सुनी जाएंगी और अगले महीने तक उन समस्याओं का समाधान भी अगली बैठक तक कर दिया जाएगा।

भाकियू के ये पदाधिकारी बैठक में थे शामिल

बैठक में भाकियू के पवन खटाना, राजीव मलिक, अनित कसाना, परविंदर अवाना, सुनील प्रधान, चंद्रपाल सिंह, महेश खटाना, एडवोकेट प्रमोद वर्मा, इंद्रीश चेची, फिरेराम तोंगड़, प्रमोद टाइगर,रविंद्र भाटी, बेगराज प्रधान संजू मोरना योगेश शर्मा अजीत गैराठी श्रीचंद तवर अमित डेढा संदीप खटाना नवनीत खटाना योगेश भाटी महेश खटाना विपिन तवर अजी पाल नंबरदार सिंह राज आदि सहित लगभग 4 दर्जन वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी वार्ता शामिल थे।

सफल रही वार्ताः भाकियू

बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि बैठक काफी हद तक सकारात्मक एवं सफल रही।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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