बरतें सावधानीः कहीं असावधानी से आप भी इसके शिकार न हो जाएं, गाड़ी में लिफ्ट देकर लूट लेता था गिरोह, चार बदमाशों को पुलिस ने दबोचा
मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए स्टाफ आफिसर व अपर पुलिस उपायुक्त ने यात्रियों के लिए जारी की एडवाइजरी, उस पर अमल करने की भी अपील की
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर 39 नोएडा की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों को अपने वाहन में लिफ्ट लेकर लोगों को लूट लेता था। पुलिस ने गिरोह के चार बदमाशों को दबोच लिया है। अपर पुलिस आयुक्त ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है और अपील की है कि वे इस पर अमल करें।
कैसे पकड़ में आए गिरोह के बदमाश
नोएडा के सेक्टर 6 स्थित पुलिस उपायुक्त नोएडा के कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए स्टाफ आफिसर एवं अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि थाना सेक्टर 39 पुलिस को गोपनीय सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र में कुछ लोग सवारियों को गाड़ी में लिफ्ट देकर बैठा लेते हैं और बाद में उन्हें लूट लेते हैं। पुलिस इस सूचना पर तुरंत हरकत में आई और लोकल इंटेलिजेन्स के माध्यम से सूचना एकत्र की। उसके आधार पर कार्रवाई करते हुए आज रविवार को को थाना सेक्टर 39 नोएडा की पुलिस ने गाड़ी में बैठाकर यात्रियों को लूटने गिरोह का पर्दाफाश कर चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
कौन हैं यात्रियों को लूटने वाले लोग
उन्होंने बताया कि पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान राजेश कश्यप उर्फ भेड़ा, यशपाल कश्यप, विजय कश्यप और अवनीश कुमार के रूप में हुई है। राजेश कश्यप उर्फ भेड़ा और यशपाल ग्राम बसई निकट टावर के पास गली नंबर-1 सेक्टर 70 थाना फेस-3 नोएडा के निवासी हैं। विजय ग्राम मुकीमपुर थाना सलेमपुर बुलंदशहर का मूल निवासी है। वर्तमान में वह सतीश सोनी के मकान ग्राम बसई थाना फेज 3 नोएडा में किराये के मकान में रहता था। अवनीश ग्राम सरसई थाना आमापुर जिला कासगंज का मूल निवासी है। वह भी यशपाल कश्यप के मकान ग्राम बसई लाल थाना फेज 3 नोएडा में किराये पर रहता था।
कहां से हुए गिरफ्तार, क्या हुआ बरामद
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इन्हें सेक्टर 44 रोड से गिरफ्तार किया। इनकी तलाशी लेने पर इनके पास से दो तमंचे, चार कारतूस, दो चाकू, 52 हजार 50 रुपये और यात्रियों को लूटने में इस्तेमान किए जानी वाली एक स्विफ्ट डिजायर कार बरामद हुई हैं।
पूछताछ में क्या बताया
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि वे नोएडा के अलग-अलग स्थानों से सवारियों को गाड़ी में लिफ्ट देकर और बंधक बनाकर उनसे लूटपाट करते थे। उन्होंने बताया कि 7 मई और 16 मई को भी सेक्टर 37 नोएडा से उन्होंने गाड़ी में सवारियों को लिफ्ट देकर उनके पास मौजूद रुपये, मोबाइल लेकर पेटीएम, एटीएम से भी रुपये ट्रांजेक्शन कराये थे।
कैसे लूटते थे यात्रियों को
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी सेक्टर-37 चौराहा, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, एडवांट, परी चौक के आसपास, गाजियाबाद तथा एनसीआर क्षेत्र के अन्य इलाकों में भीड़भाड़ वाले चौराहों पर यात्रियों को लिफ्ट देकर गाड़ी मे बैठा लेते थे। फिर उन्हें गन पाइंट पर लेकर उनसे एटीएम, क्रेडिट कार्ड और पीड़ित का मोबाइल आदि छीन कर पेटीएम आदि से रूपये ट्रांजेक्शन करा लेते थे।
यात्रियों को लूटने में ये बरतते थे सावधानी
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी हमेशा पीली नंबर प्लेट की ओला व उबर (OLA / UBER) का ही प्रयोग करते थे। इससे उन पर किसी को शक नहीं होता था। जब भी आरोपी अपराध को अंजाम देने निकलते निकलते थे तो (OLA / UBER) आईडी को बंद कर देते थे। वे केवल रात में ही यात्रियों को लूटते थे। इस गिरोह का मास्टर माइंड राजेश है। उसके खिलाफ विभिन्न जिलों के विभिन्न थानों में दो दर्जन से भी अधिक मुकदमें दर्ज हैं।
यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की
उन्होंने इस तरह की आपराधिक घटनाओं का शिकार होने से बचने के लिए यात्रियों के लिए एडवाइजरी और सावधानियां बरतने की अपील की।
1-सफर के लिए OLA , UBER का प्रयोग करते समय ऑनलाइन बुकिंग का ही प्रयोग करें।
2- कभी भी किसी प्राइवेट गाड़ी से लिफ्ट नहीं लें।
3-अगर किसी गाड़ी में दो-तीन लड़के बैठे हों तो उसका प्रयोग कभी भी नहीं करें।
4-हमेशा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही इस्तेमाल करें।
5-अगर ऐप बेस्ड कैब बुक कर रहे हों तो सबसे सेफ, लेकिन किराये पर भी कैब बुक कर रहे हैं तो बैठने से पहले गाड़ी के नंबर की फोटो खींचकर अपने किसी परिजन को जरूर भेजें ताकि कल को कोई अप्रिय स्थिति हो तो ड्राइवर को नंबर के जरिये ट्रेस किया जा सके।
6-मोबाइल के साथ मौजूद डायरी में या एटीएम कवर पर कभी भी UPI PIN, DEBIT CARD PIN, NET BANKING PASSWORD लिख कर नहीं रखें। इस यात्री हर हालत में बचें।
7-गाड़ी में बैठते ही अपनी लोकेशन अपने परिजनों को अवश्य भेज दें।
8-गाड़ी में बैठते ही ड्राइवर का नंबर लेकर उस पर कॉल करके देख लें कि यह नंबर ड्राइवर के पास ही है और उस नंबर को अपने परिजन को भेज दें।