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योगी सरकार का एक महीना पूरा, लिए 40 फैसले

काम के तरीके देख विरोधियों को नहीं मिल रहा कोई मुद्दा

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सत्ता संभाले सोमवार को एक महीना हो गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जनहित में ताबड़तोड़ 40 फैसले लिए। यानि औसतन एक दिन 1.33 से अधिक फैसला। मुख्यमंत्री के इस तरह काम करने और फैसले लेने की गति ने एक सीएम और नेता के तौर पर उनकी अलग पहचान तो बनी ही है विरोधी दलों के नेताओं को उनकी आलोचना का मुद्दा ही नहीं मिल रहा है।

लिए गए महत्वपूर्ण फैसले

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फैसला नंबर 1 –  योगी सरकार 2.0 की पहली कैबिनेट का पहला बड़ा फैसला, मुफ्त राशन योजना को तीन महीने बढ़ाया, 15 करोड़ लोगों को राशन आगे भी मिलता रहेगा।

 

फैसला नंबर 2 – योगी सरकार सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्धता कराने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 7 मिनट का रिस्पांस टाइम सुनिश्चित करने के निर्देश।

 

फैसला नंबर 3 – दो वर्ष के अंदर 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश लक्ष्य के साथ फिर होगी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, 100 दिन में तीसरी  ग्राउंड ब्रेंकिंग सेरेमनी, औद्योगिक निवेश की बढ़ावा देने के लिए बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में यूपी सरकार।

 

फैसल नंबर 4 – भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में डीएम सोनभद्र और एसएसपी गाजियाबाद सस्पेंड।

 

फैसला नंबर 5 – सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस बल के लिए 86 राजपत्रित और 5295 अराजपत्रित नए पदों को शासन की मंजूरी मिली।

 

फैसला नंबर 6 – पिछले 20 दिनों में 200 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति ध्वस्त या जब्त की गई है। जिसमें 25 माफिया डीजीपी ऑफिस और 8 शासन की तरफ से चिन्हित किए गए थे।

 

फैसला नंबर 7 – मुख्यमंत्री ने नवरात्र पर्व के पहले दिन से महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस विभाग को विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। एंटी रोमियो स्क्याड वापस शुरु किया गया।

 

फैसला नंबर 8 – मुख्यमंत्री आवास पर जनता दर्शन की वापस शुरुआत की। हर दिन सरकार के एक मंत्री की मौजूदगी में जन समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिए।

 

फैसला नंबर 9 – मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर में दौरा कर विभिन्न योजनाओं से जुड़ी समीक्षा बैठके की।

 

फैसला नंबर 10 – योगी सरकार ने श्रावस्ती जनपद से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की, कम साक्षरता वाले जिलों पर विशेष फोकस किया।

 

फैसला नंबर 11 – लापरवाही और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए डीएम औरैया सुनील वर्मा को सस्पेंड किया गया।

 

फैसला नंबर 12 – पेपर लीक होने के आरोप मैं बलिया के DIOS को सस्पेंड व अरेस्ट किया गया।

 

फैसला नंबर 13 – पिछले 20 दिनों में 100 से ज्यादा अपराधियों और माफियाओं पर गरजा बुलडोजर।

 

फैसला नंबर 14 – मुख्यमंत्री योगी ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना तैयार कर काम करने के निर्देश दिए हैं।

 

फैसला नंबर 15 – योगी सरकार ने युवाओं को हाथों में 9.74 लाख टैबलेट और स्मार्टफोन देने की कार्रवाई शुरु की।

 

फैसला नंबर 16 – योगी सरकार ने दो अप्रैल को प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की।

 

फैसला नंबर 17 – अब यूपी में होमगार्ड के 20 प्रतिशत पदों पर होगी महिलाओं की भर्ती, 100 दिन में शुरु होगी प्रक्रिया।

 

फैसला नंबर 18 – एक महीने में अगले 3 महीने, 6 महीने और 5 साल का खाका कराया तैयार।

 

फैसला नंबर 19 – भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कई आईएएस अधिकारियों के तबादले तो कई अधिकारियों को वेटिंग लिस्ट में डाला।

 

फैसला नंबर 20 – अपने क्षेत्र में नागरिकों की समस्या के तुरंत निस्तारण के लिए रात में अपनी तैनाती स्थल पर एसडीएम, सीओ और तहसीलदार को सीएम ने दिए निर्देश।

 

फैसला नंबर 21 – यूपी में महिला होमगार्ड्स को एंटी टेरेरिस्ट मॉड्यूल का प्रशिक्षण देने के दिए निर्देश।

 

फैसला नंबर 22 – सरकारी कर्मचारियों के लंच का समय का किया निर्धारित, दोपहर एक बजे से 1.30 बजे तक होगा लंच टाइम।

 

फैसला नंबर 23 – पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुर्नावास के लिए भूमि के पट्टे का स्वीकृति पत्र दिया गया।

 

फैसला नंबर 24 – अगले 6 महीने में 2.51 लाख ने आवास बनाने का लक्ष्य लेकर तेजी से कार्य करने के निर्देश।

 

फैसला नंबर 25 – भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में असिस्टेंट कमिश्नर (प्रभारी) वाणिज्य कर सचल दल, इकाई बस्ती आशुतोष मिश्रा को सस्पेंड किया।

 

फैसला नंबर 26 – बिना मानचित्र स्वीकृति के इमारत निर्मित किए जाने के मामले में अवर अभियंता, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण शिव ओम को सस्पेंड किया।

 

फैसला नंबर 27 – यूपी पुलिस आधुनिकिकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का कार्यकाल 30 जून 2022 तक बढ़ाए जाने की स्वीकृति प्रदान की।

 

फैसला नंबर 28 – भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में असिस्टेंट कमिश्नर (प्रभारी) वाणिज्य कर सचल दल, इकाई बाराबंकी को सस्पेंड किया।

 

फैसला नंबर 29 – सीतापुर में आमजन की सुविधा के लिए नई पुलिस चौकी गनेशपुर स्थापित करने का फैसला किया।

 

फैसला नंबर 30 – गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए राज्य में कानून व्यवस्था को प्राथमिकता बनाया गया है।

 

फैसला नंबर 31 – योगी सरकार आयुषमान भारत योजना से महिला और पुरुष होमगार्ड जवानों का स्वास्थ्य बीमा कराएगी।

 

फैसला नंबर 32 – सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के आरोप में झांसी प्रखंड बेतवा नहर झांसी (संप्रित निलंबित) अधिशासी अभियंता को सेवा से हटाने का आदेश दिया। अधिकारी से 77 लाख 41 हजार की वसूली भी की जाएगी।

 

फैसला नंबर 33 – उप निबंधक कार्यालय (मैथा) कानपुर देहात के लिए पद सृजन की स्वीकृति दी।

 

फैसला नंबर 34 – अयोध्या में नियमित रामलीला का आयोजन किया जाएगा। हस्तिनापुर, मेरठ और गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय की स्थापना की जाए। वाराणसी में संत रविदास संग्रहालय व सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना कराई जाए।

 

फैसला नंबर 35 – सभी कैबिनेट मंत्री अब फील्ड में जाएंगे, कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में 18 मंडलों के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। यह टीमें हर मंडल में 72 घंटे का प्रवास करेंगी।

 

फैसला नंबर 36 – यूपी में पुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन करने को लेकर सीएम योगी ने  दी मंजूरी।

 

फैसला नंबर 37 – प्रदेश में आने वाले पांच सालों में मेडिकल प्रोफेशनल सीटें दोगुनी होंगी। जिसमें पांच सालों में एमबीबीएस की 7000, पीजी की 3000, नर्सिंग की 14,500 और पैरामेडिकल की 3,600 सीटों को बढ़ाया जाएगा।

 

फैसला नंबर 38 – यूपी की 100 ग्राम पंचायतों में खिलाड़ियों को मिलेगी ओपन जिम की सौगात।

 

फैसला नंबर 39 – यूपी में अब नए स्थानों पर माइक और लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं।

 

फैसला नंबर 40 – आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं के 20,000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अगले छह माह में पूर्ण कराएं। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और स्वास्थ्य सखियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाया जाए।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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