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Greater Noida: बढ़ती शीत लहर में जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी, हाइपोथर्मिया से बचें, जानिए और खास बातें

Greater Noida : पिछले कुछ दिनों से दिल्ली—एनसीआर कोहरा और शीत लहर की चपेट में है। ऐसे में बढ़ती सर्दी लोगों के लिए भारी परेशानियां खड़ी कर रहा है। जिला प्रशासन भी लगाताार सर्दी को लेकर लोगों को सचेत कर रहा है। मंगलवार को जिला प्रशासन ने शीत लहर लेकर गाइडलाइन जारी की है।

जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी ने बताया कि जिले मे रात के सयमय तापमान 15 डिग्री से भी कम होने लगा है। शीत लहर के दौरान ठंड से बचाव हेतु प्रशासन द्वारा कंबल वितरण, अलाव जलाने एवं शेल्टर होम/रैन बसेरा का संचालन भी किया जा रहा है। ठंडक के मौसम में सड़क पर कोई भी न व्यक्ति सोए, इसलिए प्रशासन ने पूरे जिले में 15 रैन बसेरा स्थापित किए है। उन्होंने बताया कि सर्दियों के कपड़ों का पर्याप्त स्टॉक रखें। कपड़ों की कई परतें अधिक सहायक होती हैं। बंद नाक या नाक से खून आने जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना इस मौसम में बढ़ जाती है, जो आमतौर पर ठंड के लबे समय तक संपर्क में रहने के कारण विकसित होती है या बढ़ जाती है। इस तरह के लक्षणों के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

शीतलहर ठण्ड के दौरान
मौसम की जानकारी और आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का बारीकी से पालन करें, और सलाह के अनुसार कार्य करें। जितना संभव हो घर के अंदर रहे और ठंडी हवा के संपर्क से बचने के लिए यात्रा कम से कम करें। भारी कपड़ों की एक परत के बजाय ढीले-ढाले, हल्के, हवारोधी गर्म ऊनी की कई परतें पहनें। टाइट कपड़े रक्त सचार कम करते हैं। अपने आप को सूखे में रखें, यदि गीला है, तो अपने सिर, हाथ, और पैर, की उगलीयों को पर्याप्त रूप से ढकलें क्योंकि गर्मी को अधिकांश नुकसान शरीर के इन्हीं हिस्सों से होता हैं। दस्तानें को प्राथमिकता दें। शरीर के तापमान का संतुलन बनाए रखनें के लिए स्वस्थ भोजन खाए। पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाएं रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाए। लबे समय तक ठंड के संपर्क में रहनें से त्वचा पीली, कठोर और सुन्न हो सकती है, और शरीर के खुले हिस्सों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, नाक औरध्या कानों पर कालें छालें पढ़ सकतें हैं। तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

शीतलहर में हो सकता हैं हाइपोथर्मिया
शीत लहर के गंभीर संपर्क से हाइपोथर्मिया हो सकता हैं। शरीर के तापमान में कमी जिससे कपकपीं, बोलने में कठिनाई, नींद आना, मांसपैशियों में अकड़न, भारी सांस लेना, कमजोरी और ध्यान चेतना की हानि हो सकती हैं, हाइपोथर्मिया एक चिकित्सीय आपात स्थिति हैं, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान देनें की आवश्कता होती हैं।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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