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बड़ी खबरः घर में छापते थे नकली नोट फिर बाजार में चला देते थे, गांजे की तस्करी व चोरी में भी लिप्त थे

पुलिस ने गिरोह के दो लोगों को दबोचा, हजारों के नकली नोट, गांजा बरामद, गांजे की तस्करी में भी लिप्त था गिरोह, नकली शराब बनाने व बेचने के आरोप में जेल जा चुका है शालू 

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सूरजपुर की पुलिस दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो घर में ही नकली नोट छापकर बाजार में चला देते थे। उनका यह गिरोह गांजे की तस्करी में भी लिप्त था। लोगों को गांजे की सप्लाई का धंधा भी करता था। गिरोह के सदस्य गांजे की तस्करी, नकली शराब बनाने व बेचने के धंधे तथा चोरी में भी लिप्त थे। चोरी के आरोप में इनका एक साथी जेल में निरुद्ध है।

कौन हैं पकड़े गए आरोपी और कैसे छापते थे नोट

 

 

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सेंट्रल नोएडा राम बदन सिंह ने रविवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान बताया कि पुलिस ने नकली नोट छापने और उन्हें बाजार में चला देने के आरोप में जिन लोगों का गिरफ्तार किया है उनकी पहचान साहिल कुमार उर्फ सुन्दर उर्फ संजू (उम्र करीब 27 वर्ष) निवासी-ग्राम मनियां थाना शाहगंज जिला जौनपुर के मूल निवासी के रूप में हुई है। वह वर्तमान में प्रवीन चपराना के मकान गुरुद्वारा रोड पैप्सी गोदाम के सामने कस्बा सूरजपुर ग्रेटर नोएडा में किराये के मकान में रहता था। इसे पुलिस ने कोर्ट परिसर सूरजपुर से गिरफ्तार किया था। दूसरे की पहचान शालू (उम्र 19 वर्ष) निवासी-ग्राम अमराहट डेरा थाना अमराहट जिला कानपुर देहात के रूप में हुई है। वह वर्तमान में शनि मंदिर के सामने वाली गली ग्राम देवला सूरजपुर में किराये के मकान में रहता था। पुलिस ने इसे इसके घर से गिरफ्तार किया। साहिल कुमार के पास से तीन सौ ग्राम गांजा, पांच हजार रुपये के नकली नोट (500 के तीन, 200 का ए नोट, सौ के 33 नोट) तथा गांजे की तस्करी से मिले 10 हजार 490/-रुपये मिले। शालू के कमरे से चोरी की एक मोटरसाइकिल मिली। दोनों की निशांदेही पर पुलिस ने नकली नोट छापने में प्रयुक्त एक कलर प्रिंटर, इस्तेमाल की हुई स्याही की डिब्बी, पेपर, 1000 रुपये के नकली नोट (100-100 के 10 नोट ) तथा 200 रुपये असली नोट (100-100 के दो नोट) बरामद हुए हैं। साहिल कुमार उर्फ सुन्दर उर्फ संजू व शालू दोनों ही शातिर किस्म के चोर भी हैं। वे पहले भी जेल जा चुके हैं।

कैसे पकड़ में आए और कैसे छापते थे नोट

उन्होंने बताया कि पकड़े गए शालू का भाई विजय और साहिल कुमार उर्फ सुन्दर उर्फ संजू एक साथ जेल में बंद थे। वहां पर विजय और साहिल कुमार उर्फ सुन्दर उर्फ संजू में दोस्ती हो गई। उनका एक-दूसरे के घऱ आना-जाना हो गया। जेल से छूटने के बाद शालू के दिमाग में नकली नोट छापने का विचार आया। उसने यूटयूब के के जरिये नकली नोट बनाने की कला सीखी। शालू ने साहिल से बात कर नकली नोट छापने की साजिश रची। शालू कानपुर से आकर अपनी मां व भाई के पास ग्राम देवला में तथा साहिल किराये का कमरा लेकर सूरजपुर में रहने लगा। दोनों ने संयुक्त रुप से रुपये लगाकर 13 हजार 500 रुपये में अमेजॉन के जरिये कलर प्रिंटर, प्रिंटर में प्रयुक्त होने वाली स्याही तथा नकली नोट छापने के लिए पेपर खरीदे। दोनों मिलकर नकली नोट छापने लगे। वे अधिकतर 100-100 रुपये के नोट ही छापते थे। दोनों मिलकर बाजार में सामान खऱीदने आदि में चला देते थे। साहिल गांजे की तस्करी भी करता था। वह ग्राहकों को गांजा बेचने के दौरान छुट्टे रुपयों के रुप में नकली रुपये देकर चला देता था। इसके अतिरिक्त दोनों अपने साथी मोनू निवासी- चम्पत कालोनी कस्बा सूरजपुर ग्रेटर नोएडा के साथ मिलकर मोटर साइकिल भी चोरी करते थे। शालू व साहिल ने अपने साथी मोनू के साथ मिलकर 20-25 दिन पहले कचहरी परिसर सूरजपुर से मोटर साइकिल चुराई थी।

नकली शराब भी बनाता था शालू

डीसीपी ने बताया कि इसके अतिरिक्त शालू पहले नकली शराब बनाने और बेचने का काला धंधा भी करता था। इस अपराध में वह तथा साहिल गांजे की तस्करी आदि में जेल जा चुके हैं। मोनू के विरुद्ध भी जिले के विभिन्न थानों में लूट,चोरी, गांजा व अवैध शराब तस्करी से संबंधित कई मामले दर्ज हैं। वर्तमान में मोनू जेल में निरुद्ध है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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