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नोएडा में पुलिस के आपरेशन ‘लंगड़ा’ में 416 अपराधियों के पैर में लगी गोली, ढाई वर्ष में 938 अपराधी पकड़े गए

नोएडा (फेडरल भारत नेटवर्क) : नोएडा में पुलिस का आपरेशन ‘लंगड़ा’ काफी कामयाब माना जा रहा है। पुलिस का दावा है कि लगातार मुठभेड़ों की वजह से अपराधी जिले की सीमाएं छोड़कर अपेक्षाकृत सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 30 माह में नोएडा पुलिस और अपराधियों के बीच 327 मुठभेड़ हुई हैं। इस दौरान 938 अपराधियों को पकड़ा गया, जिनमें 416 के पैर में गोली लगी थी। पिछले साल दिनों में सात अपराधियों के साथ सात मुठभेड़ हुई हैं।
अपराधों पर नियंत्रण में मिली सफलता
नोएडा पुलिस के जॉइंट कमिश्नर शिवहरि मीणा ने मीडियो को जानकारी देते हुए बताया कि नोएडा पुलिस ने औसतन हर तीन दिन में एक मुठभेड़ की है, जिससे क्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण पाने की दिशा में काफी प्रगति हुई है। उनका कहना है कि मुठभेड़  का मुख्य उद्देश्य अपराध रोकना और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाना है। नोएडा क्षेत्र में लगातार बढ़ते अपराध के चलते यह कार्रवाई महत्वपूर्ण बन गई है। पुलिस का दावा है कि इस तरह की मुठभेड़ के डर से कई अपराधी इलाके छोड़कर भाग रहे हैं।
तीन दिन में सात मुठभेड़
पिछले तीन दिनों में नोएडा पुलिस ने 7 एनकाउंटर किए हैं। ये एनकाउंटर ऐसे समय में हुए हैं जब स्थानीय लोग सुरक्षा की चिंता कर रहे थे। पुलिस की इस कार्रवाई से स्थानीय निवासियों में विश्वास बढ़ा है और उन्हें उम्मीद है कि उनके क्षेत्र में अपराधियों की गतिविधियाँ कम होंगी। जॉइंट कमिश्नर शिवहरि मीणा ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि हम अपराधियों को न केवल गिरफ्तार करें, बल्कि उन्हें ऐसा संदेश भी दें कि वे हमारे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर सकते।
पुलिस ने प्रभावी ढंग से की है कारवाई
आंकड़ों पर गौर करें तो यह केवल अपराधियों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पुलिस की कार्रवाई कितनी प्रभावी रही है। मुठभेड़ों के दौरान कई बार पुलिस को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने साहस और धैर्य से उन चुनौतियों का सामना किया।
अपराधियों की टूट रही है हिम्मत
नोएडा पुलिस द्वारा की गई ये एनकाउंटर की कार्रवाइयां अपराध नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। हालांकि, इसे लेकर कुछ विवाद भी हो सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर, यह देखा जा रहा है कि पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर ये आंकड़े और मुठभेड़ें नोएडा में अपराध को किस प्रकार प्रभावित करती हैं।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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