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दीपावली पर जमकर हुई आतिशबाजी, सभी दावे हवा, और खराब हुई नोएडा की हवा, फूलने लगा लोगों का दम

ग्रेटर नोएडा (Federal bharat news) : पूरे देश के साथ-साथ नोएडा में दीवाली का त्योहार परंपरागत ढंग से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बेशक उच्चतम न्यायालय ने पटाखों व आतिशबाजी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी, लेकिन लोगों ने दीवाली पर जमकर पटाखे व आतिशबाजी छोड़ी। इससे नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 को पार कर गया। नतीजतन शहर एक तरह से गैस चैम्बर बन कर रह गए है। लोगों के सांसे फूल रही है।
ग्रेनो वेस्ट में सर्वाधिक खराब हालत
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में दीपावली की रात को जमकर हुई आतिशबाजी के बाद इन शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (क्यूआइ) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण स्तर 300 के पार पहुंच गया। आसमान में धुंध की काली चादर , लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में बढ़ छाई रही। आंखों में जलन की शिकायत लोगों को हुईं, बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। दमा के मरीजों को प्रदूषण की वजह से काफी दिक्कतें हो रही हैं। नोएडा व ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कंस्ट्रक्शन साइट पर ग्रैप-2 के नियमों की अनदेखी जारी है।
खूब बिके पटाखे और आतिशबाजी
प्रतिबंध के बावजूद कई इलाकों में स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से पटाखों और आतिशबाजी की खुली बिक्री हुई। बिखरख थाना क्षेत्र के ऐमानाबाद, जलपुरा, बिसरख में स्थित बाजारों में दुकानों पर पटाखों की खूब बिक्री हुई। इसके अलावा, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, हापुड़, पिलखुवा, मोदीनगर, मुरादनगर आदि क्षेत्रों में लोगों ने जमकर आतिशबाजी भी की। बिसऱख थाना क्षेत्र की सोसाइटियों से देररात पटाखों की आवाजें गूंजती रहीं। बिसरख के पास सुपरटेक की इको विलेज-1 सोसाइटी में आतिशबाजी की वजह से फ्लैट्स में आग भी लग गई। इसी प्रकार सेक्टर 113 थाने की सेक्टर 120 में स्थित आम्रपाली जोडिएक सोसाइटी के फ्लैट में भी आग लगने की सूचना मिली।
प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए घातक बना
दीवाली की पूरी रात पटाखों का शोर और प्रदूषण पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए घातक बन गया है। खासतौर पर सांस व दमे के मरीजों के लिए यह बेहद चिंताजनक है। इसके साथ प्रदूषण के कारण आंखों में जलन महसूस हो रही है। गौरतलब है, जिस तरह तरह उच्चतम न्यायालय ने आतिशबाजी व पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था, उसके बाद पुलिस-प्रशासन की जिम्मेदारी बनती थी कि इनकी बिक्री न हो लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया।
दिल्ली में स्थिति और बिगड़ी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली के आनंद विहार, जहांगीरपुरी, द्वारका और आया नगर जैसे इलाकों में एक्यूआई 350 से अधिक दर्ज किया। दूसरी ओर राष्ट्रीय राजधानी में ‘खराब’ गुणवत्ता वाली हवा के प्रभाव को कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है। दीपावली के अगले दिन राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में स्मॉग की परत देखने को मिली। सीपीसीबी (CPCB) के अनुसार दिल्ली का एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। यमुना नदी की सतह पर जहरीली झाग की परत लगातार आज भी पूर्व की भांति देखी जा रही है।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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