संभल हिंसा : कर्फ्यू जैसे हालात, सपा सांसद बर्क के खिलाफ दंगा भड़काने का मामला दर्ज, मृतक संख्या 5 हुई, इंटरनेट सेवाएं स्थगित
संभल (उप्र) : न्य़ायालय के आदेश पर सर्वे करने गई टीम पर पथराव के बाद हुए बवाल में घायल दो और लोगों की मौत के बाद गोलीबारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। शहर में सुरक्षा बलों की टुकड़ियां लगातार गश्त कर रही हैं। अफवाहों से बचने के लिए पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं फिलहाल स्थगित हैं। उधर, मुरादाबाद कमिश्नर आंजानेय कुमार ने दावा किया है कि संभल में पुलिस ने गोली नहीं चलाई। सर्वे की सभी पक्षों की जानकारी दे दी गई थी। इस मामले को लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ दंगा भड़काने के मामले में रिपोर्ट दर्ज की है।
जानिए क्या था मामला
उल्लेखनीय है कि संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए रविवार को कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो बवाल हो गया था। अचानक टीम के आने पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसक हुई भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर पांच लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
संभल में नहीं लगेगा कर्फ्यू : कमिश्नर
मुरादाबाद कमिश्नर आंजानेय कुमार का दावा है कि 15 से 25 साल की आयु वर्ग के लोगों ने किया पथराव। महिलाएं भी पथराव में शामिल थी घटना के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जा रहे है। कुछ लोगों ने मिलकर शहर को आग में झोंकने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि संभल में फिल कर्फ्यू की कोई जरूरत नहीं है। पूरा संभल शांति चाहता है, युवाओं को आगे कर बवाल किया गया। संभल बवाल के जिम्मेदार सभी की जिम्मेदारी तय होगी। बच्चों को उकसा कर कराया गया था बवाल।
यह है विवाद
हिंदू पक्ष ने संभल के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दावा पेश किया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर पृथ्वीराज चौहान के शासन से पहले बना था, जबकि मस्जिद मुगलकाल में मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद टीले पर बनी है। किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई है। 19 नवंबर को हिंदू पक्ष द्वारा दावा पेश करने के दिन ही न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। उसी दिन कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया था। करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे। सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया था, जिससे शांतिपूर्वक नमाज अदा हुई। रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर दोबारा सर्वे करने पहुंचे तो बवाल शुरू हो गया।
सर्वोच्च न्यायालय हस्तक्षेप करें : प्रियंका
कांग्रेस नेता और वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभल मामले में सर्वोच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने इस घटना के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि प्रदेश की योगी सरकार राज्य को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकना चाहती है। उधर, लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संभल में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कि इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा है।