संभल हिंसा पर आमने-सामने आए सपा और बीजेपी नेता : लगाते रहे एक-दूसरे पर आरोप, लेकिन कौन है असली जिम्मेदार ?
Noida News : उत्तर प्रदेश के संभल में हुए दंगे पर सियासत शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष, विपक्ष पर और विपक्ष के नेता सत्ता पक्ष पर आरोप लगा रहे है। एक तरह जहां सपा प्रमुख अखिलेश जहां घटना के पीछे राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है वहीं दूसरी तरफ पुलिस दावों में सपा सांसद फंसते नजर आ रहे है। इसपर फेडरल भारत ने सपा नेता राजकुमार भाटी और बीजेपी नोएडा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता से बात की और पता लगाने की कोशिश की गई कि आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन है?
पुलिस का दावा
पुलिस का दावा है कि यह पूरी हिंसा सुनियोजित थी। इसके पीछे सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से लेकर विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और मस्जिद के सदर जफर अली तक की भूमिका है। पुलिस ने सात मुकदमे दर्ज किए हैं। कुल दो दर्जन से ज्यादा लोग नामजद हैं और 2750 अज्ञात हैं. सांसद बर्क और विधायक पुत्र पर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है। पुलिस ने अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
राजकुमार भाटी ने दी प्रतिक्रिया
इस पूरी घटना पर जब फेडरल भारत ने सपा नेता राजकुमार भाटी से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर घटना को सुनियोजित बताते हुए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। राजकुमार भाटी का कहना है कि बीजेपी सभी मोर्चों पर विफल है इसलिए सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहती है। शांति भंग करना चाहती है, प्रदेश में सुनियोजित तरीके से दंगे कराए गए। जिस तरह से सर्वे करने में जल्दबाजी हुई, भीड़ लेकर गए और उग्र नारे लगाए गए ये अब पहले से तय था। जो लोग मारे गए है उसके पीछे राज्य सरकार और बीजेपी जिम्मेदार है। ये अपने वोट के लालच में ग्रह युद्ध की स्थिति बना रहे है। राजकुमार भाटी ने साफ कहा कि मौके पर जब सपा सांसद मौजूद ही नहीं थे तो जिम्मेदार कैसे हो सकते है? पहले से कुछ जानकारी थी ही नी तो कैसे सपा जिम्मेदार होगी? राज्य में कुछ भी हो बीजेपी को सिर्फ सपा नजर आते है।
बीजेपी नोएडा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता की प्रतिक्रिया
बीजेपी नोएडा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने फेडरल भारत से बातचीत में कहा कि सपा बौखला गई है। सपा वालों ने सब कांड किया है, लेकिन सरकार ऐसे लोगों से निपटेगी और निपट रही है। जो भी जरूरी कार्रवाई होगी वो सरकार की तरफ से की जाएगी।
सम्भल में कैसे और क्यों भड़की हिंसा
24 नवंबर को संभल में हिंसा भड़की और चार लोगों की मौत हो गई। इनमें मोहम्मद कैफ (18 साल), बिलाल (23 साल), नईम (30 साल) और मोहम्मद रोमान (50 साल) का नाम शामिल है। दरअसल, 19 नवंबर को वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में एक वाद दायर किया था और शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर की जगह होने का दावा किया था। कोर्ट ने उसी दिन एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव को नियुक्त किया और हफ्तेभर में सर्वे पूरा करने का आदेश दिया।
सर्वे टीम उसी रोज शाम को मस्जिद पहुंची और पहले चरण में वीडियोग्राफी की। उसके बाद लौट आई. दूसरे चरण में यह टीम रविवार की सुबह 7 बजे फिर जामा मस्जिद पहुंची। मौके पर वादी और प्रतिवादी पक्ष भी था। इस बीच वहां भीड़ जुटने लगी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो हिंसा भड़क गई।इस हिंसा में एसडीएम, सीओ, एसपी के पीआरओ, पुलिसकर्मी समेत 24 लोग घायल हो गए। फिलहाल, राजनेताओं के आने की खबरें मिलने के बाद जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है । जिले में 30 नवंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर बैन लगाया गया है। इंटरनेट भी बैन कर दिया गया है।
कैसे भड़की हिंसा
पुलिस का कहना है कि जिन्होंने पथराव किया, उनके बीच ये अफवाह फैली हुई थी कि सर्वे करने आई टीम ने मस्जिद के वजूखाने से पानी निकालकर वहां खुदाई की है और जब लोगों ने मस्जिद के अंदर से पानी आते हुए देखा तो वो हिंसक हो गए और इन लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। एक वीडियो में देख जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग मुंह पर कपड़ा बांध कर पत्थरबाजी कर रहे हैं। पुलिस पर कई घरों की छतों से पत्थरबाजी हो रही है।