नवाब मलिक के ‘डी’ गैंग से संबंध!
दाऊद की बहन और मलिक के बीच हुई कई बैठकें, फर्जी दस्तावेज बना हड़पी करोड़ों की प्रॉपर्टी
नई दिल्ली। अंडरवर्ल्ड डॉन ‘दाऊद’ इब्राहीम की बहन हसीना पारकर से जमीन खरीदने के आरोप में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि नवाब मलिक, उनके भाई असलम मलिक, दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी सरदार खान के बीच कुर्ला स्थित गोवावाला कॉम्प्लेक्स को लेकर कई दौर की बैठकें हुई थीं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में नवाब मलिक, सरदार खान और एनसीपी नेता से जुड़ी कंपनियों, सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड व मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर को आरोपी बनाया गया है। विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने कहा कि मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार हैं। अदालत ने कहा कि यह इंगित करने के लिए प्रथमदृष्टया सबूत हैं कि आरोपी सीधे और जानबूझकर मनी-लॉन्ड्रिंग अपराध में शामिल हैं।
जांच एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि हसीना पारकर अपने भाई दाऊद के गिरोह, डी-कंपनी की सक्रिय सदस्य थी। वह टेरर फंडिंग के लिए गोवावाला कॉम्प्लेक्स सहित अन्य कई प्रमुख संपत्तियों के ‘अनधिकृत कब्जे और अधिग्रहण’ में शामिल थी। अदालत ने कहा कि नवाब मलिक द्वारा हसीना पारकर की मिलीभगत से कथित रूप से हड़पी गई संपत्ति, मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अपराध की आय है।
ईडी की चार्जशीट में दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर और उसकी बहन हसीना पारकर के बेटे अलीशाह पारकर सहित 17 गवाहों के बयान शामिल हैं। ईडी ने चार्जशीट में अलीशाह के हवाले से उल्लेख किया है कि 2014 में उसकी मां हसीना की मृत्यु होने तक, दाऊद और उसके बीच लेनदेन होता था। ईडी के मुताबिक, अलीशाह पारकर ने नवाब मलिक को कुर्ला प्रॉपर्टी की बिक्री का भी जिक्र किया है।