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बीमा पालिसी धोखाधड़ीः बंद बीमा पालिसी के को दोबारा खुलवाने के नाम पर करते धोखाधड़ी

एक साल बाद तीन धोखेबाजों को पुलिस ने दबोचा, 30 हजार रुपयों के साथ कई आपत्तिजनक वस्तुएं हुई बरामद, लोगों को धोखा देने में इनका करते थे उपयोग

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना दनकौर की पुलिस ने बीमा पॉलिसी के नाम पर लोगों को धोखा देने के आरोप में तीन लोगों गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से धोखाधड़ी के जरिये उगाह गए 30 हजार रुपयों और कई आपत्तिजनक वस्तुओं को बरामद किया है। बरामद वस्तुओं का उपयोग ये लोग लोगों को धोखा देने में उपयोग करते थे। पुलिस ने इन्हें मुकदमा दर्ज होने के एक साल बाद गिरफ्तार किया है।

कौन हैं लोगों धोखा देने वाले आरोपी

पुलिस ने जिन लोगों को बंद पड़ी पालिसी को दोबारा खुलवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है उनकी पहचान

किशन रावत, मनीष अरोड़ा और सचिन उर्फ राघव के रूप में हुई है। पुलिस ने इन्हें यमुना एक्सप्रेस-वे के गलगोटिया यूनिवर्सिटी कट से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया।

कैसे करते थे लोगों के साथ धोखाधड़ी

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पकड़े आरोपी नाम बदलकर बंद बीमा पॉलिसी को दोबारा शुरू कराने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे। उन्होंने विनोद कुमार मलिक नामक व्यक्ति से बीमा पॉलिसी के नाम पर धोखाधड़ी की थी। इसकी शिकायत विनोद ने दनकौर थाने में की थी। विनोद ने पुलिस थाने को तहरीर बीते साल 24 मई 2022 को दी थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। आरोपी अब पकड़े गए हैं। इस धोखाधड़ी के खुलासे के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया था। मुकदमें की जांच में तीनों आरोपियों की संलिप्तता पाई गई थी। पुलिस ने इन्हें दबोचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से डाटा एकत्र किया। फिर लोकल इंटेलिजेंस सर्विलेंस, बीट पुलिसिंग से जानकारी एकत्र कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

कहां के रहने वाले हैं आरोपी

किशन रावत गली नं0-6, रघुवरपुरा नंबर-2, गांधी नगर, दिल्ली, मनीष अरोड़ा ईस्ट जवाहर नगर, लोनी रोड, निकट मेट्रो पीलर नंबर-59, थाना लोनी, जिला गाजियाबाद और सचिन उर्फ राघव निवासी मिलन गार्डेन, गली नंबर-8, निकट एनडी पब्लिक स्कूल, सभापुर, दिल्ली के निवासी हैं।

क्या हुआ इनके पास से बरामद

पुलिस ने आरोपियों के पास से 2 डायरी, 2 रजिस्टर, 4 नोट पैड, 213 पेज डाटा, 5 मोहरे, 7 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और 30 हजार रुपये बरामद किए हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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