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आंदोलन के दौरान जेल गए 31 किसानों की रिहाई, अधिवक्ताओं ने किया किसानों का जोरदार स्वागत

 नोएडा (FBNews) : ग्रेटर नोएडा स्थित लुक्सर जेल में बंद 31 किसानों की गुरुवार को रिहाई हो गई। इन किसानों की कोर्ट से जमानत याचिका स्वीकृत होने के बाद रिहाई के आदेश हुए। किसानों और अदालत में पैरवी कर रहे वकीलों के पैनल ने जेल पहुंचकर रिहा होने वाले किसानों का स्वागत किया। अब कुछ ही किसान जेल में बचे हैं। संभव है कि एक या तो दिनों में उनकी भी रिहाई हो जाए।
शीघ्र होगी शेष बचे किसानों की रिहाई
उल्लेखनीय है कि जेल में 127 किसानों में से 44 किसानों की कोर्ट से पहले ही जमानत स्वीकृत होने पर उन्हें रिहा कर दिया गया था। गुरुवार को कुल 31 किसानों की जमानत हो गई, लेकिन कुछ अन्य मामलों की वजह से दो किसानों की रिहाई नहीं हो सकी और 31 किसानों को ही रिहा किया गया। इनकी रिहाई में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी और सचिव धीरेंद्र भाटी के प्रयास देखे जा रहे हैं। कोर्ट में पैरवी करने वाले वकीलों ने गुरुवार को लुक्सर जेल पहुंचकर रिहा होने वाले किसानों का स्वागत किया।

जेल से रिहा होने वाले किसान
जिला बार एसोसिएशन के सचिव धीरेंद्र भाटी के अनुसार, गुरुवार को रिहा होने वाले किसानों में महकार सिंह, यामीन, जितेंद्र, दीपक, अमित, इमरान, जयप्रकाश, अखिलेश सिंह, मनीष. अरुण, सलाउद्दीन, सोनू भाटी, सचिन, प्रशांत, फिरे सिंह, बिजेंद्र कुमार, केशव. जोगेंद्र सिंह, श्रीनिवास, जितेंद्रस, दिनेश, मोनू और प्रदीप शामिल हैं। धीऱेंद्र भाटी ने कहा कि वकील किसानों की हरेक संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ किसानों की रिहाई एक दो दिन के भीतर हो जाएगी। साथ ही कहा कि प्रशासन और प्राधिकरण को किसानों के साथ टकराव को रास्ता छोड़कर सौहार्द और सम्मान का रास्ता अपना चाहिए। आज नोएडा जिस मुकाम पर खड़ा है, उसमें किसानों के योगदान को किसी भी कीमत पर कम करके नहीं आंका जा सकता है।
गांवों में बढ़ी निगरानी
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के प्रमुख धरना स्थलों और किसानों के गांवों में निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सतर्क है। खुफिया रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस टीमें लगातार गश्त कर रही हैं और धरनास्थलों पर किसानों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। जेल प्रशासन और पुलिस के इस रवैये से स्थिति नियंत्रण में है।

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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