×
उत्तर प्रदेशलखनऊ

राशन कार्ड के मानक में कोई बदलाव नहीं

राशन रिकबरी की अफवाह फैलाई जा रही है, कोई आदेश नहीं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ,पिछले कई दिनों से राशन कार्ड जमा करवाने और अपात्र होने वाली खबरें तेजी से चल रही हैं। राज्य सरकार ने इन खबरों का खंडन किया है। यह भी बताया है कि किन कारणों से कोई परिवार मुफ्त राशन लेने से वंचित होगा। उत्तर प्रदेश के खाद्य तथा रसद आयुक्त सौरव बाबू की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि नगरीय क्षेत्रों में 6 और ग्रामीण इलाकों में 5 कारण ऐसे हैं, जिनकी वजह से किसी परिवार को मुफ्त राशन लेने से वंचित होना पड़ सकता है।

यह शर्तें नई नहीं हैं

सौरभ बाबू ने बताया है कि यह शर्तें नई नहीं है। खाद एवं रसद विभाग की ओर से 7 अक्टूबर 2014 को शासनादेश जारी किया गया था। जिसमें बताया गया था कि राशन कार्ड अर्जित करने और मुफ्त राशन लेने के लिए कौन सपरिवार पात्र हैं। वह कौन सी वजह हैं, जिनसे कोई परिवार राशन कार्ड धारक नहीं रह सकता है। खाद्य आयुक्त ने आगे कहा, “पिछले कुछ दिनों से मीडिया में तमाम तरह की भ्रामक खबरें आ रही हैं। जिससे राज्य के लोग परेशान हैं। मैं इन खबरों का खंडन कर रहा हूं। खबरों में जिस तरह के तथ्य प्रकाशित किए जा रहे हैं, वह पूरी तरह निराधार और झूठे हैं। लिहाजा, राज्य के लोगों को ऐसे समाचारों पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।”

शहर में इन 6 कारणों से परिवार अपात्र होगा

अगर परिवार के सारे सदस्य आयकर दाता हैं तो मुफ्त राशन की चयन सूची से परिवार बाहर हो जाएगा।

ऐसे परिवार जिसके किसी भी सदस्य के स्वामित्व में चार पहिया वाहन, एयर कंडीशनर या 5 केवीए या उससे अधिक क्षमता का जनरेटर है।

ऐसे परिवार जिसके किसी सदस्य के स्वामित्व में अकेले या अन्य सदस्य के साथ 100 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाला स्वयं अर्जित आवासीय प्लॉट या उस पर निर्मित मकान या 100 वर्ग मीटर से अधिक कारपेट एरिया का आवासीय फ्लैट है।

ऐसा परिवार जिसके किसी सदस्य के स्वामित्व में अकेले या अन्य सदस्य के साथ 80 वर्ग मीटर या उससे अधिक कारपेट एरिया का व्यवसायिक स्थान है।

ऐसे परिवार जिनके सदस्यों के पास एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस हों।

ऐसे परिवार जिनके समस्त सदस्यों की आय 3 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक है।

शहर में इन 5 कारणों से परिवार अपात्र होगा

अगर परिवार के समस्त सदस्य करदाता हैं तो राशन लेने के लिए पात्र माने जाएंगे।

ऐसे परिवार जिनके किसी भी सदस्य के स्वामित्व में चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, एयरकंडीशनर, 5 केवीए या उससे अधिक क्षमता का जनरेटर है।

ऐसे परिवार जिनके किसी सदस्य के पास अकेले या अन्य सदस्यों के साथ स्वामित्व में 5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि है। बुंदेलखंड और सोनभद्र जिलों में कैमूर पर्वतमाला के क्षेत्रों में यह सीमा 7.5 एकड़ होगी।

ऐसे परिवार जिनके समस्त सदस्यों की आय दो लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक है।

ऐसे परिवार जिनके सदस्यों के पास एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस हैं।

वसूली का कोई प्रावधान या आदेश नहीं

खाद्य आयुक्त ने कहा, “पिछले कई दिनों से खबरों में प्रसारित किया जा रहा है कि जिन लोगों ने मुफ्त राशन लिया है और वह अपात्र हैं, उनसे वसूली की जाएगी। यह सारी खबरें पूरी तरह भ्रामक और झूठी हैं। खाद्य सुरक्षा अधिनियम में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। राज्य सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। रिकवरी करने की बातें बिना वजह प्रसारित की जा रही हैं। लिहाजा, किसी भी परिवार या व्यक्ति को विचलित होने की आवश्यकता नहीं है।” सौरव बाबू ने आगे बताया कि 1 अप्रैल 2020 से लेकर अब तक राज्य में 29.53 लाख पात्र परिवारों को राशन कार्ड जारी किए गए हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close