यूपी: साइबर ठगी का बड़ा खुलासा, किराए के खातों में डाली जाती थी ठगी की रकम !

नोएडा : बरेली के इज्जतनगर थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए फर्जी बैंक खाते मुहैया कराता था।
पुलिस ने इस मामले में गिरोह के सरगना सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से अहम सबूत भी बरामद किए हैं। पूछताछ के बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह के अनुसार, गिरोह का मास्टरमाइंड वीरेंद्र, जो हाफिजगंज क्षेत्र के गांव परेवा का रहने वाला है, लखनऊ के बुद्ध विहार में रहकर पूरे रैकेट को चला रहा था। उसकी गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने उसके छह और साथियों को भी दबोच लिया।
गिरफ्तार साथियों में नवाबगंज के आदर्श कॉलोनी भट्ठा मोहल्ला के दीपक कुमार और रोहित कुमार, मुल्लापुर के रिजवान, इज्जतनगर के धौरेरा माफी के अनुज कुमार, पीलीभीत के बसंतपुर गांव का जीशान और ललौरीखेड़ा के विजयपाल शामिल हैं। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।
इज्जतनगर पुलिस को साइबर ठगी के इस गिरोह से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपियों के पास से 9 मोबाइल फोन, 2 सिम कार्ड, 7 डेबिट कार्ड, 7 असली और फर्जी आधार कार्ड, एक चेकबुक, और 7 बैंक पर्चियां बरामद की गई हैं।
पुलिस ने उस वक्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जब वे अपने सरगना वीरेंद्र से कमीशन की रकम लेने के लिए इकट्ठा हुए थे। सभी के खिलाफ आईटी एक्ट, कूटरचना और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।
जांच में पता चला कि ये सभी आरोपी ग्रामीण इलाकों के रहने वाले हैं। ये लोग गांव के भोले-भाले लोगों को लालच देकर उनके नाम पर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाते थे।
फिर उनसे डेबिट कार्ड, पासबुक और सिम कार्ड लेकर गिरोह के मुखिया वीरेंद्र को सौंप देते थे। इन खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम को इधर-उधर करने में किया जाता था।