×
उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्टराज्य

भारत से समर्थन न मिलने पर पाकिस्तान पहुँचा ईरान, फिर भी खाली हाथ लौटा !

नोएडा: भारत के साथ हालिया संघर्ष में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान ने अब ईरान का रुख किया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर तेहरान पहुंचकर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई और राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मुलाकात कर भारत-पाक संघर्ष का मुद्दा उठाया। हालांकि, पाकिस्तान को वहां से भी कोई ठोस समर्थन नहीं मिला।

भारत-पाक संघर्ष पर ईरान की संतुलित प्रतिक्रिया

ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म होने से संतुष्ट हैं और उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के मतभेद शांति से सुलझेंगे। ईरान के राष्ट्रपति ने भी स्थायी युद्धविराम और आपसी बातचीत की वकालत की।

ऐतिहासिक रिश्तों के चलते भारत के करीब रहा ईरान

भारत और ईरान के संबंध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से प्रगाढ़ रहे हैं, जबकि पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते अक्सर तनावपूर्ण रहे हैं। पिछले साल ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे, जिससे दोनों देशों के संबंध और बिगड़ गए थे।

इस्लामी एकता की आस में जुटा पाकिस्तान

भारत से कूटनीतिक झटका मिलने के बाद पाकिस्तान उम्मीद कर रहा था कि मुस्लिम देश उसके समर्थन में खड़े होंगे, लेकिन अधिकांश देशों ने उससे दूरी बनाए रखी। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख खाड़ी देशों के दौरों पर निकल पड़े हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया जा सके।

गाज़ा मुद्दा बना साझा मंच

तेहरान टाइम्स के मुताबिक, ईरान के सुप्रीम लीडर ने इजरायल के खिलाफ पाकिस्तान के रुख की सराहना की और कहा कि पाकिस्तान ने अब तक पश्चिमी दबावों के आगे घुटने नहीं टेके हैं।

उन्होंने फिलिस्तीन को इस्लामी जगत की सबसे अहम चिंता बताया। यही मुद्दा फिलहाल पाकिस्तान और ईरान को कूटनीतिक रूप से कुछ हद तक एक मंच पर लाता दिख रहा है।

 

Divya Gupta

Tags

Related Articles

Back to top button
Close