बरेली: निजीकरण के खिलाफ बैंक हड़ताल , कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन। 500 करोड़ रुपये का लेन-देन ठप्प, एटीएम खाली
निजीकरण के खिलाफ बैंको का प्रदर्शन बैंकों के निजीकरण और विलय सहित कई मांगों को लेकर बैंक कर्मी देश के सबसे बड़े बैंक कर्मचारी संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया।मंगलवार को भी हड़ताल जारी रही। सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। उधर लगातार चौथे दिन बैंक बंद होने का असर कई एटीएम पर दिखाई दिया जो कैशलेस दिखे। जिसकी वजह से लोग नगदी के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ी। देखा जाये तो दिन की हड़ताल से जहां 500 करोड रुपए का लेनदेन पूर्ण रूप से प्रभावित हुआ तो वहीं 100 करोड़ के आस पास क्लियरिंग रुक जाने का दावा बैंक के अफसरों की तरफ से देखने को मिला।
फेडरल भारत: बैंक निजीकरण और विलय सहित कई अन्य मांगों को लेकर बैंककर्मी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के ऐलान पर मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे। सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया। उधर लगातार चौथे दिन बैंक बंद होने से कई एटीएम कैशलेस दिखे। जिसकी वजह से लोग नगदी के लिए खासे परेशान रहे। दो दिन की हड़ताल से जहां 500 करोड रुपए का लेनदेन पूर्ण रूप से प्रभावित रहा वहीं, 100 करोड़ के लगभग क्लियरिंग रुकने का दावा बैंक अफसरों की तरफ से किया गया है।
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी संघ के सुमित भटनागर ने बैंक राष्ट्रीयकरण के फायदे बताए। कहा कि जब वर्ष 1969 में जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण हो चुका था तो जनता तक बैंकिंग सेवा पहुंचाई गई थी। इसके बाद ही देश में हरित कृषि क्रांति हुई। यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन के मंत्री पीके माहेश्वरी ने कहा कि सरकार की निजीकरण नीति का विरोध प्रदर्शन देश में जारी है।
कार्यक्रम संयोजक दिनेश सक्सेना ने कहा निजीकरण विनाश की ओर ले जाने वाला एक कदम हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा स्टाफ एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष पीपी सिंह ने कहा कि सरकार कुछ पूजीपतियों के हाथों की कठपुतली बन कर रह गई है. इसलिए सरकार जनता के फायदे से खिलवाड़ करती जा रही है। जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा।
सरकार को कर्मचारियों द्वारा चेतावनी अगर निजीकरण हुआ तो हड़ताल अनिश्चितकालीन की होगी।
बैंकों के निजीकरण के प्रदर्शन में मुंशीनगर में स्थित बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर ग्रामीण बैंक कर्मियों ने मांगों को लेकर क्षेत्रीय प्रबंधक को ज्ञापन दें दिया है। इस दौरान बरेली ट्रेड यूनियन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने सरकार को चेतावनी दी अगर सरकार ने बैंकों के निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया गया. तो बैंक अधिकारी और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।